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भरी बारिश में भी पुल निर्माण कार्य में लगे श्रमवीर डिगे नहीं हैं। श्रमवीरों ने कहा कि, पुल बनने से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बीच रिश्तों में घनिष्टता आएगी, व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बारिश के मौसम में जहां लोग घरों से निकलना पसंद नहीं करते, वहीं कुछ ऐसे भी श्रमवीर हैं जो भरी बरसात में भी अपने कर्म पथ पर डटे हुए हैं। हम बात कर रहे हैं एनएच पर बन रहे बीजापुर जिले के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित चिंताबागू नदी पर पामेड़ पुल निर्माण कार्य की। 

मूसलाधार बारिश होने के बाद भी मजदूर पुल निर्माण कार्य पूर्ण करने में लगे हुए हैं। यहां कार्य कर रहे मजदूरों ने बताया कि, वर्तमान में बारिश के चलते वे लोग भी खेती- किसानी करते पर उनके घर में अन्य लोग होने से वे मजदूरी का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि, इस पुल के निर्माण होने से छत्तीसगढ़ एवं सीमावर्ती राज्य तेलंगाना के बीच रिश्तों व व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी। यह पुल ग्रामीणों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा। बताया जा रहा है कि बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडे के निर्देश पर पुल निर्माण कार्य जोर-शोर किया जा रहा है। 

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बारिश से 22 पुलों का काम रुका

प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग के सातों जिलों में 23 पुलों का निर्माण कार्य किया जा रहा था, लेकिन बारिश के चलते 22 पुलों का निर्माण कार्य रूक गया है। बारिश से पुलों कार्य में जुटे रहे मजदूर काम छोड़ कर खेती किसानी कर रहे हैं।

खेती- किसानी के बाद होगा निर्माण कार्य

लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण जगदलपुर संभाग के कार्यपालन अभियंता श्रीमती प्रज्ञा नंद ने बताया कि, खेती किसानी समाप्त होने के बाद निर्माणाधीन पुलों का कार्य शुरू किया जाएगा।

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