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हिंदी दिवस के मौके पर सीएम श्री साय ने कहा कि, अब राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेज में हिंदी में भी पढ़ाई होगी। जहां इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज में हिंदी पुस्तकों का वितरण शुरू होगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हिंदी दिवस पर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि, अब राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेज में हिंदी में भी पढ़ाई होगी। जहां इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज में हिंदी पुस्तकों का वितरण शुरू होगा। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने से ग्रामीण अंचल के छात्रों को इसका फायदा मिलेगा। 

हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

सीएम विष्णु देव साय ने हिन्दी दिवस पर बड़ी घोषणा करते हुए राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में हिन्दी में भी पढ़ाई शुरू करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि, एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे। इस साल के प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी। इसके लिए छात्र छात्राओं की संख्या अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं।

स्कूलों में हिंदी भाषा को देंगे बढ़ावा 

मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में है कि हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें और हिंदी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी है कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2022 को उत्तरप्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी, हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं।  

ग्रामीण छात्रों की पढ़ाई का आधार होगा मजबूत 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा जो अधिकतर हिंदी मीडियम से होते हैं जो प्रतिभाशाली होते हैं। लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती है। अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी। इससे चिकित्सा छात्र छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में इससे अधिक मदद मिलेगी। मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि, इससे विषय की बारीक समझ बनती है। इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर कार्यान्वित करने के लिए कृत संकल्पित हैं।

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