रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोल लेवी मामले में गुरुवार को ईओडब्ल्यू और एसीबी ने पूरक चालान पेश किया है। एजेंसी ने आरोपी रजनीकांत तिवारी और मनीष उपाध्याय के खिलाफ पूरक चालान पेश किया। दोनों आरोपियों के खिलाफ एजेंसी को कई सबुत मिले हैं। जिसे आज कोर्ट में पेश किया गया है। कोल घोटाले के सभी आरोपी जेल में बंद हैं।
डेढ़ साल से जेल में बंद हैं सभी 11 आरोपी
उल्लेखनीय है कि, कोल घोटाले केस में सभी आरोपी तकरीबन डेढ़ साल से जेल में बंद है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोल स्कैम में 11 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें केवल कारोबारी सुनील अग्रवाल को जमानत मिली है। ईओडब्ल्यू जल्द ही उनको भी गिरफ्तार करने वाली है। ईओडब्ल्यू का आरोप है कि, पिछली सरकार में प्रभावशाली लोगों ने मिलकर अवैध कोल परिवहन घोटाला किया था। यह घोटाला 540 करोड़ से ज्यादा का है। अधिकारियों और राजनेताओं के संरक्षण में पूरा घोटाला हुआ। इसलिए ईडी के प्रतिवेदन को आधार बनाकर केस दर्ज किया गया है।
सौम्या को कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार
सौम्या चौरसिया ने अपने बच्चों की परवरिश के आधार पर जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन किया था। लेकिन पिछली सुनवाई को उन्हें हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सौम्या की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। इस मामले में ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई ग्रीष्म कालीन अवकाश 10 जून के बाद होगी।
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सुप्रीम कोर्ट भी कर चुकी है जमानत याचिका ख़ारिज
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। इससे पहले कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने पर उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। वही 16 अप्रैल को भी रायपुर के स्पेशल कोर्ट से सौम्या की याचिका खारिज हो गई थी।