Logo
गणेश स्थापना से पहले कुछ लोग मूर्तिकारों को आर्डर देकर विकृत और मजाकिया प्रतिमाएं बनवा रहे हैं। किसी ने गणेश जी को सिक्स पैक में दिखा दिया है। 

लवकुश शुक्ला- रायपुर। भगवान श्री गणेश सहज, सरल और दयालू माने जाते हैं। भक्तों पर कृपा करते हैं और मन, वचन और कर्म से की गई पूजा- अर्चना से प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन कहते हैं न, भव बिन हो न प्रीत। कुछ ऐसा ही लोग फिर से करने लगे हैं। गणेश स्थापना से पहले कुछ लोग मूर्तिकारों को आर्डर देकर विकृत और मजाकिया प्रतिमाएं बनवा रहे हैं। किसी ने गणेश जी को सिक्स पैक में दिखा दिया है। किसी ने उन्हें राधा- कृष्ण के स्वरूप में प्रतिमाएं बनवा ली हैं। इतना ही नहीं, एक मूर्तिकार ने गणेश जी को पतंग उड़ाते हुए दिखाया है।

उल्लेखनीय है कि,  श्री गणेश आरती में उनका स्वरूप का अलौकिक वर्णन है। आरती में कहा गया है कि-एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी। अर्थ है कि श्री गणेश भगवान गणेश एक दांत वाले और दयालु हैं। उनकी चार भुजाएं हैं। उनके माथे पर सिंदूर (लाल रंग )शोभा देता है और वे मूषक (चूहे) की सवारी करते हैं। करीब एक दशक पहले हरिभूमि ने अभियान चलाकर श्री गणेश प्रतिमाओं के साथ मजाक को लेकर अभियान चलाया था। उस वक्त हिंदू संगठनों ने तीव्र विरोध किया और ऐसी प्रतिमाएं बनाने वाले कलाकारों के खिलाफ एफआईआर कराई। उसके बाद यह चलन समाप्त हो गया था।

इसे भी पढ़ें... दुर्ग में स्वाइन फ्लू से एक और मौत: 23 एक्टिव केस मिले, 13 मरीजों का इलाज जारी

दांत गायब, दो हाथ बनाए

माना में आराध्य देव गणेश का बाल स्वरूप में दांत गायब व चार की जगह दो हाथ वाली प्रतिमा देखने को मिली, यहां दो हाथ व अधूरे स्वरूप में गणेश को आदिवासी स्वरूप भी दिया गया है। इसी तरह श्रुति मूर्तिकला केन्द्र में गणेश को पर्वत उठाते हुए हनुमान के साथ अधूरे स्वरूप में दिखाया गया है। इतना ही नहीं, भगवान शिव के स्वरूप में भी गणेश प्रतिमा को आकार दिया गया है।

20 शेड में हो रहा निर्माण 

मूर्तिकारों ने बताया कि,  हम आर्डर पर काम करते हैं। बुकिंग कराने वाली समिति के लोगों को नया लुक देना कितना भारी पड़ सकता है। इसे बताने और समझाने का भी प्रयास किया जाता है। इसके बाद भी लोग नहीं मानते और मूल पूजा के लिए अलग प्रतिमा रखने की बात करके बुकिंग कराते हैं। कलाकारों ने बताया कि माना में छोटे-बड़े मिलाकर 20 जगह कारीगर मूर्ति निर्माण करते हैं। इस बार सभी शेड में मिलाकर करीब 6 सौ से ज्यादा छोटी बड़ी मूर्तियों और झांकी को आकार दिया जा रहा है। इनमें रायपुर ही नहीं, बलौदा बाजार के लिए भी बुक करवाई गई हैं।

इसे भी पढ़ें...कांग्रेस नेता ने परिवार सहित खाया जहर, अस्पताल में इलाज के दौरान चारों ने तोड़ा दम

अधूरी प्रतिमा ध्यान योग्य नहीं

रायपुर बोरियाकला प्रभारी शंकराचार्य आश्रम डॉ. इंदुभवनानंद महाराज ने बताया कि , किसी भी आराध्य देवी-देवता की अधूरी प्रतिमा आराधना एवं ध्यान योग्य नहीं होती है। अगर किसी मूर्तिकार द्वारा आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा, तो इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। संबंधित मूर्तिकारों की जानकारी दिजिए, ऐसे लोगों के खिलाफ हिन्दू समाज विरोध करेगा। 

एक दशक बाद फिर विकृत प्रतिमाएं

एक दशक बाद मूर्तिकारों द्वारा श्री गणेश के मूल स्वरूप से फिर छेड़छाड़ करते हुए प्रतिमा बनाई जा रही हैं। मूर्तिकार किस समिति ने उन्हें विकृत स्वरूप देने के लिए आर्डर किया है, बताने के लिए तैयार नहीं हैं। मूर्तिकारों के शेड में जाने के बाद हरिभूमि की टीम ने कतार में सजाई गई मूल प्रतिमाओं के बीच छिपाई गई विकृत एवं अधूरे स्वरूप वाली प्रतिमाओं का जायजा लिया। तीन अलग-अलग मूर्तिकारों के पास 15 से 20 ऐसी गणेश प्रतिमा देखने को मिलीं, जिनके स्वरूप को पूरी तरह बदला गया है। राजधानी में सात सितंबर से जहां प्रथम पूज्य श्री गणेश की स्थापना के लिए तैयारियों का दौर तेज होने लगा है, वहीं दूसरी तरफ मूर्तियों का निर्माण करने वाले मूर्तिकारों ने अब निर्माण स्थल के।

इसे भी पढ़ें...राजधानी में पकड़ाया अंतर्राज्यीय तस्कर,आरोपी के पास से 32 लाख का अफीम जब्त

दर्ज करवाएंगे एफआईआर

रायपुर धर्म जागरण प्रशासन समन्वयक पुष्पेंद्र उपाध्याय ने बताया कि, देवी-देवताओं के मूल स्वरूप से अगर किसी भी मुर्तिकार द्वारा छेड़छाड़ किया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ धर्म जागरण सेना की ओर से विरोध किया जाएगा। साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं करेंगे। जहां भी ऐसी प्रतिमाएं दिखेंगी, उनका जबरन विर्सजन कराया जाएगा।

मूल स्वरूप बिगाड़ना पाप

रायपुर भागवताचार्य एवं वेदाचार्य पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि, भगवान श्री गणेश के स्वरूप को देखकर हंसने का कृत्य चंद्रमा ने किया था। इससे गणेश के श्राप स्वरूप गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन पाप की श्रेणी में आता है। स्वरूप बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा का स्थापना से पहले विसर्जन करें।

 

5379487