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पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने तिरुपति माला मंदिर में प्रसाद को लेकर उपजे विवाद को सत्तालोलुपता की परिणति बताया है। उन्होंने इसे हिंदू धर्म को विलुप्त करने की कोशिश बताया है।

रायपुर। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। मंगलवार को उन्होंने राजधानी रायपुर में मीडिया से बात की। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट पर पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, सत्ता लोलुपता की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। अराजक तत्वों का प्रवेश सभी क्षेत्रों में हो चुका है। धार्मिक क्षेत्रों में भी उनका प्रवेश हो चुका है और अपवित्र सामान का मिलावट हिंदू धर्म को विलुप्त करने की कोशिश है। 

अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण बंद हो

देश और प्रदेश में बढ़ते अपराधों की प्रवृत्ति पर शंकराचार्य ने कहा कि, जब अपराधियों को सत्ता और विपक्ष दोनों संरक्षण देना बंद कर देंगे, तब अपने आप अपराध होना कम हो जाएगा। 

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दुष्कर्मियों को दुर्योधन और दुस्साशन की तरह सजा मिले

दुष्कर्मियों को कड़ी सजा के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि, ऐसे लोगों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। दुर्योधन और दुस्साशन की तरह सजा मिलनी चाहिए। पं. प्रदीप मिश्रा के दुष्कर्मियों को जला देने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि, हाथी से हल नहीं जुतवाया जाता है। इस पर आप मुझसे कुछ मत कहलवाइए। मैं शंकराचार्य हूं, किसी कथावाचक पर बोलूं .. यह शोभा नहीं देता। इस विषय पर कथा कराने वालों से पूछिए.. ऐसे व्यक्ति से कथा क्यों कराते हैं?

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