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पीसीसी चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। जहां स्थानीय नेताओं ने बाहरी प्रत्याशियों का विरोध किया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में राजनांदगाव और दुर्ग के नेताओं की दावेदारी ठोकने के बाद कांग्रेस में नए तरह की सियासत शुरू हो गई है। गुरुवार को पीसीसी चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। जहां स्थानीय नेताओं ने बाहरी प्रत्याशियों का विरोध करते हुए कहा कि, स्थानीय और संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता को ही टिकट मिलना चाहिए। प्रमोद दुबे, कन्हैया अग्रवाल, आकाश शर्मा ने कहा कि, स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही अवसर मिले, हम पार्टी से इसकी अपील करेंगे। 

बैज बोले- जीतने वाले प्रत्याशी को ही देंगे टिकट 

रायपुर दक्षिण उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की बैठक खत्म हो चुकी है। बैठक के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जानकारी देते हुए कहा कि, दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस 20 अक्टूबर को कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी। बाहरी प्रत्याशियों की दावेदारी को लेकर बोले सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, कांग्रेस में सभी को टिकट मांगने का हक है। राजनांदगांव और अन्य स्थानों के नेताओं ने भी टिकट मांगा है। लेकिन टिकट किसी एक को मिलेगी और जीत की क्षमता देखकर ही टिकट देंगे।

पीसीसी चीफ बैज को लिखा था पत्र

उल्लेखनीय है कि, राजनांदगांव और दुर्ग के नेताओं ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर उनसे टिकट मांगा है। वहीं PCC के पूर्व महामंत्री कुतुबुद्दीन सोलंकी ने राजनांदगांव के नेता डॉ. अफताब आलम के लिए रायपुर दक्षिण सीट से सचिन पायलट से मिलकर टिकट मांगी है। 

नांदगांव के साथ दुर्ग के नेता भी ठोंका था दावा

डॉ. अफताब आलम ने कहा है कि, यदि रायपुर के नेता राजनांदगांव में आकर चुनाव लड़ सकते हैं तो राजनांदगांव के नेताओं को भी रायपुर से टिकट मिलना चाहिए। वहीं दुर्ग के वोरा परिवार के सदस्य राजीव वोरा ने भी अपनी दावेदारी पेश की है। 

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विधानसभा चुनाव में गिरीश देवांगन को उतारा था 

उल्लेखनीय है कि, पिछले विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने करीबी नेता रायपुर जिले के गिरीश देवांगन को राजनांदगांव विधानसभा से भाजपा के डा. रमन सिंह के खिलाफ मैदान में उतार दिया था। उस चुनाव में कांग्रेस का एक बड़ा खेमा गिरीश देवांगन को बाहरी बताकर उनके लिए काम करने से इनकार कर दिया था। जिसके चलते कांग्रेस पार्टी को राजनांदगांव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। 

लोकसभा चुनाव लड़ने पहुंच गए थे बघेल

वहीं लोकसभा चुनाव में भी स्वयं भूपेश बघेल राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतर गए। एक फिर से उनपर भी बाहरी होने के आरोप लगे और उन्हें भी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। अब राजनांदगांव और दुर्ग के नेता इसी खुन्नस में रायपुर दक्षिण सीट पर अपना दावा पेश कर रहे हैं। बहरहाल अब यह देखना होगा कि, कांग्रेस की यह गुटबाजी पार्टी को और कितने चुनावों तक महंगी पड़ने वाली है।

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