सोमा शर्मा-राजिम। छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहे जाने वाले त्रिवेणी संगम में माघी पुन्नी स्नान के साथ राजिम कल्प कुंभ मेले का आगाज हो गया है। सुबह 4 बजे स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं ने आस्था के संगम में डुबकी लगाई। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम सहित भाजपा विधायक राजिम कल्प कुंभ का उद्घाटन करने पहुंचे।
जहां उन्होंने सर्वप्रथम राजीव लोचन मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया और अब से कुछ ही देर में वे गंगा आरती में सम्मिलित होंगे। गंगा आरती के बाद राजिम कल्प कुंभ का होगा औपचारिक उद्घाटन हो जायेगा। यह कुंभ 15 दिन तक यानी 8 मार्च तक चलेगा। राज्य गठन के बाद यह पहली बार होगा, कि सीएम राजिम कुंभ कल्प के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए। आमंत्रण पत्र में सीएम साय के समारोह में शामिल होने का कोई भी जिक्र नहीं है। मेले का शुभारंभ आचार्य महामण्डलेश्वर अग्नि पीठाधीश्वर ब्रम्हर्षि रामकृष्णनंद जी महाराज करेंगे। रामोत्सव की थीम पर आयोजित होगा कुंभ कल्प, मुख्य मंच पर होगा अयोध्या धाम का दर्शन।
त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला जारी
राजिम कुंभ कल्प में शामिल होने के लिए देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु,साधु संत एवं कथावाचक राजिम पहुंचने लगे हैं। वहीं आज सुबह से श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गया है। जो आज दिनभर जारी रहेगा।
राजिम कुंभ कल्प की पहचान
राजिम कुंभ कल्प की अपनी एक अलग ही पहचान है। पैरी, सोंढूर और महानदी, तीन नदियों के संगम स्थल राजिम त्रिवेणी संगम पर ये राजिम कुंभ कल्प आयोजित होता है। त्रिवेणी संगम के एक तट पर भगवान विष्णु श्री राजीवलोचन विराजमान है, और दूसरे तट पर सप्तऋषियों में से एक लोमश ऋषि का आश्रम विद्यमान है। त्रिवेणी संगम के बीच खुद महादेव कुलेश्वरनाथ के रुप में स्थापित है। वैसे तो श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने का सिलसिला सालभर लगा रहता है, मगर राजिम कुम्भ के समय श्रद्धालूओं के पहुंचने की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।