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छत्तीसगढ़ में इस समय तबादलों पर बैन लगा हुआ है। जब बैन खुलता है तभी विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर तबादले किये जाते हैं। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसी भी सरकारी कर्मचारी का तबादला सरकारी स्तर पर होता है। बिना सरकार की अनुमति के मंत्रालय के बड़े- बड़े अधिकारी भी किसी कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में इस समय तबादलों पर बैन लगा हुआ है। जब बैन खुलता है तभी विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर तबादले किये जाते हैं। ऐसे में ट्रांसफर के बैन के दौरान किसी स्पेशल केस में मुख्यमंत्री को यह अधिकार है कि, वे ट्रांसफर कर सकते हैं। वो भी बहुत जरूरी होने पर या विषय विशेष की गंभीरता को समझने के बाद छत्तीसगढ़ में सरकार अतिशेष शिक्षकों के ट्रांसफर का अधिकार कलेक्टरों को देने जा रही है। 

विभागीय तैयारियां पूरी 

दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने राज्य में शिक्षकों की कमी को देखते हुए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने जा रही हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तरण कैसे किया जाएगा, इसका खाका तैयार कर लिया है। सीएम हाउस में प्रेजेंटेशन के बाद सीएम ने ड्राफ्ट पर अपनी सहमति दे चुके हैं। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी एक्शन मोड में है और युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सरकार पहले स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करेगी। इसके लिए सभी विभागीय तैयारियां कर ली गई हैं। हफ्ते भर के भीतर आदेश जारी हो जाएगा कि किन जिलों के कितने स्कूल इसके जद में आएंगे। 

युक्तियुक्तकरण के बाद मिलेंगे 13 हजार शिक्षक 

ऐसे में करीब 4 हजार स्कूल ऐसे हैं जो एक ही कैंपस में स्कूलों के साथ चल रहे हैं और डेढ़ हजार स्कूल ऐसे हैं। जिनमें राष्ट्रीय मानक के हिसाब से बच्चे 10 से कम हैं। इनमें 100 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां 10 से कम बच्चे हैं। जो कि, राष्ट्रीय शिक्षक मानक से कहीं अधिक हैं। ऐसे में इन स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज कर लिया जाएगा। जबकि, 7300 शिक्षक अतिशेष हैं और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के बाद करीब छह हजार शिक्षक और अतिशेष हो जाएंगे। इस तरह करीब 13 हजार शिक्षक मिल जाएंगे। अफसरों का कहना है कि, इतने शिक्षकों के बाद शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर हो जाएंगी और ऐसे में शिक्षकों की भर्ती करने की जरूरत फिलहाल नहीं पड़ेंगी।

इसलिए कलेक्टरों को दिया ट्रांसफर का अधिकार

अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग का पावर जिले के कलेक्टरों को दिया जा रहा है। सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के तबादले अब जिले के कलेक्टर करेंगे। जिसमें वे जमीनी हकीकत को देखते हुए अपने फैसले लेंगे। इसके लिए बाकायदा सरकार ने कलेक्टरों को यह अधिकार दे दिया है। सहायक शिक्षकों का कंप्लीट ट्रांसफर कलेक्टर के अधीन होगा। शिक्षक और व्याख्याता में कलेक्टरों द्वारा ट्रांसफर करने के बाद जो बच जाएंगे, उस पर ज्वाइंट डायरेक्टर और डीपीआई फैसला लेंगे। याने शिक्षकों का ज्वाइंट डायरेक्टर और व्याख्याता का डीपीआई ट्रांसफर करेंगे। 

जिले की स्थिति को बेहतर ढंग से समझते हैं कलेक्टर 

दरअसल, कलेक्टरों को युक्तियुक्तकरण के बाद ट्रांसफर करने का अधिकार देने का मतलब यह है कि, यह प्रक्रिया सुचारु रूप से निपट जाए। इस मामले को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, कलेक्टरों का जिले में काफी प्रभाव होता है और वो अपने जिले की स्थिति को अच्छे तरह से समझते भी हैं। उन्हें यह भी पता होता है कि, किस इलाके में या किन स्कूलों में कितने शिक्षकों की पोस्टिंग करनी है। ऐसे में सहायक शिक्षकों का जिला कैडर होता है, इसलिए कोई दिक्कत भी नहीं होगी। शिक्षक और व्याख्याता का भी कलेक्टर पहले अपने जिले में ट्रांसफर करेंगे और जो बच जाएंगे उसे ज्वाइंट डायरेक्टर और डीपीआई से किया जाएगा।

राज्य में 13 हजार शिक्षक हैं एक्स्ट्रा 

छत्तीसगढ़ में 13 हजार अतिशेष शिक्षक बिना काम के पगार ले रहे हैं। इनमें 7300 अतिशेष हैं और स्कूलों के युक्तियुक्तरण के बाद करीब छह हजार शिक्षक और अतिशेष निकल रहे हैं। याने 13 हजार से अधिक शिक्षक एक्सट्रा हैं। कई स्कूलों में बच्चे कम और टीचर ज्यादा हो गए हैं। खासकर शहरों के स्कूल शिक्षकों से भरे पड़े हैं। वहीं गांवों में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां एक भी टीचर नहीं हैं। 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां चार से पांच शिक्षक हैं। दुर्ग के एक मीडिल स्कूल में 90 बच्चों पर 11 शिक्षक तैनात हैं। ये शिक्षकों की पोस्टिंग में भर्राशाही का नमूना है।

300 स्कूलों में नहीं हैं शिक्षक 

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में 300 से स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। वहीं 5500 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक तैनात हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में रायपुर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम विष्णुदेव साय ने सदन को यह जानकारी देते हुए बताया था कि, स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए युक्यिक्तकरणकी प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। इससे काफी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। इसके बाद फिर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। 

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