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ई-रिक्शा के लिए न ही लाइसेंस की अनिवार्यता है और न ही इसके लिए कोई रूट प्लान तैयार किया गया है।

रायपुर। रायपुर जिले में 17 हजार पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। इनमें से 12 हजार से अधिक ई-रिक्शा शहर में दौड़ रहे हैं। ई-रिक्शा के लिए न ही लाइसेंस की अनिवार्यता है और न ही इसके लिए कोई रूट प्लान तैयार किया गया है। इसके कारण ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से हर रूट की सड़कों पर हजारों की संख्या में दौड़ रहे हैं। इन रिक्शों की बढ़ती संख्या के कारण शहर के कई रूटों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है। यही नहीं, सवारी बैठाने के नाम पर ई-रिक्शा के चालक अब सड़कों पर बेतरतीब तरीके से खड़े करने लगे हैं, जिसके कारण सुबह से 10 से रात 9 बजे तक जगह-जगह जाम की समस्या भी निर्मित हो रही है।

हरिभूमि ने बुधवार को शहर के कई प्रमुख इलाकों में ई-रिक्शा के कारण लगने वाले जाम की पड़ताल की। इस पड़ताल में ऐसे कई मार्ग मिले, जहां ई-रिक्शा चालकों की मनमानी के कारण दूसरे वाहन सवार लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ई-रिक्शा के कारण इन रूटों पर बढ़ा ट्रैफिक का दबाव

ई-रिक्शा के कारण रेलवे स्टेशन से घड़ी चौक, शास्त्री चौक से कालीबाड़ी, सिद्धार्थ चौक, पचपेड़ी नाका, संतोषीनगर, फाफाडीह चौक से जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड, जयस्तंभ चौक से फूल चौक, तात्यापारा, आमापारा, बूढ़ापारा चौक से पुरानी बस्ती, लाखेनगर, सुंदर नगर, रायपुरा चौक से महादेव घाट तक, चांदनी चौक नेहरू नगर से बसस्टैंड, भाठागांव चौक, पंडरी से लोधीपारा चौक, भगतसिंह चौक से शंकरनगर चौक सहित कई मार्ग हैं, जहां ई-रिक्शा हजारों की संख्या में चल रहे हैं। इसके कारण इन मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है।

थानों के सामने ही बेतरतीब तरीके से खड़े कर रहे ई-रिक्शा

लाइसेंस अनिवार्य नहीं होने के कारण ई- रिक्शा चालकों में पुलिस का खौफ भी नहीं रहा। इसके कारण चालक अब ई-रिक्शा को सड़कों पर कहीं भी सवारी बैठाने के लिए खड़ा कर देते हैं। यही नहीं, शहर के कई ऐसे थाने हैं, जिनके सामने और आसपास सड़कों पर ही चालक बेतरतीब तरीके से ई-रिक्शा पार्क कर देते हैं।

केस - 1

पचपेड़ी नाका के पास लगता है हर दिन जाम

पचपेड़ी नाका ओवरब्रिज के पास हर दिन ई-रिक्शा के कारण जाम की स्थिति बनती रहती है। यहां ई-रिक्शा सवारी बैठाने के नाम पर सर्विस रोड के टर्न के पास सड़क पर ई-रिक्शा खड़ा कर देते हैं, जबकि यहां ट्रैफिक पुलिस चौकी भी है। दिनभर पुलिस यहां ड्यूटी देती रहती है, बावजूद यहां ट्रैफिक जाम की समस्या से लोग जूझते रहते हैं।

केस - 2

शास्त्री चौक के पास भी ई-रिक्शा

बेतरतीब तरीके से खड़ा करते हैं। यहां शास्त्री जी की मूर्ति के सामने तथा डीकेएस अस्पताल के सामने ई-रिक्शा सवारी बैठाने के लिए चालक सड़क पर पार्क कर देते हैं। यहां भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी दिनभर तैनात रहते हैं, लेकिन ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इसके कारण यहां ई-रिक्शा चालकों की मनमानी बढ़ने लगी है।

केस - 3

बाजार में भी दिनभर लोग जाम में फंसते रहते हैं

शहर के प्रमुख व्यावसायिक बाजार में भी ई-रिक्शा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। गोलबाजार, सदरबाजार, चूड़ीलाइन, शास्त्री बाजार, पंडरी सहित अन्य बाजार में ई-रिक्शा के प्रवेश करने से ट्रैफिक जाम की समस्या बन रही है। बाजार में ई-रिक्शा का सवारी के साथ मालवाहक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके कारण बाजार में भी दिनभर लोग जाम में फंसते रहते हैं।

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