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सीएम विष्णु देव साय ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है। जहां किसानों और भू-स्वामियों को अब दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है। जहां किसानों और भू-स्वामियों को अब दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। राजस्व मामले के तत्काल निराकरण के लिए सीएम साय की मंशानुरूप राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने 6 से 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश दिए थे। पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले शिविरों की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने के भी निर्देश दिए हैं।

शिविर में ही किया जाएगा आवेदनों का निराकरण 

राजस्व पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले शिविरों में प्राप्त होने वाले आवेदनों म जैसे- फौती, नामांतरण एवं बटवारा, अभिलेख त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही आनलाईन अपलोड कर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा कर प्रविष्टि और मौके पर ही नोटिस जारी कर पक्षकारों को तामिली कराकर निराकरण करने को कहा गया है। शिविर स्थल पर ही बी-1, खसरा और किसान किताब के प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। इसी तरह आय, जाति, निवास प्रमाण-पत्र संबंधी समस्त आवेदनों का शिविर स्थल पर ही लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आनलाईन प्रविष्टि और समय-सीमा में शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रत्येक दिवस निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

15 जुलाई तक सभी प्रकरणों के निराकरण के दिए निर्देश 

सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश चंपावत से बताया कि, राजस्व पखवाड़ा के अंतर्गत राजस्व न्यायालय से संबंधित लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लोक सेवाओं की अदायगी हेतु समय सीमा के अंदर कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह अविवादित नामांतरण और खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, वृक्ष कटाई का समय-सीमा के बाहर प्रकरणों तथा सभी राजस्व न्यायालय में शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों का 15 जुलाई तक शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नगरीय क्षेत्रों के सीमांकन प्रकरणों का भी पूर्ण निराकरण किया जाना है। विवादित नामांतरण, विवादित खाता विभाजन और धारा 115 अंतर्गत अभिलेख त्रुटि हेतु आवेदन प्राप्त कर तथा इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत निराकरण सुनिश्चित किया जाए। निराकरण नहीं करने वाले राजस्व अमले पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाएगा।

सुनवाई तिथि अद्यतन किया जाना करे सुनिश्चित 

इस मामले को लेकर राजस्व विभाग के सचिव ने बताया कि, इसी तरह सभी राजस्व न्यायालय में दर्ज ऐसे प्रकरण जिनकी सुनवाई तिथि अद्यतन नहीं है. उनका शत-प्रतिशत सुनवाई तिथि अद्यतन किया जाना सुनिश्चित करे। जनहानि-पशुहानि, फसल क्षति से संबंधी आरबीसी 6-4 के तहत प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण करना सुनिश्चित करें। राजस्व अधिकारी अधीनस्त टेबल का निरीक्षण कर निरीक्षण प्रतिवेदन 15 जुलाई तक कलेक्टर को उपलब्ध कराना और राजस्व पखवाड़ा में भू-अर्जन संबंधी प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण तथा भू-अर्जन के प्रकरणों में लिये गये सेवा शुल्क की जानकारी अद्यतन किया जाना सुनिश्चित करें।

उपलब्ध कराएं सभी जानकारी 

राजस्व पखवाड़ा में भू-अभिलेख संबंधी कार्यों के अंतर्गत स्वामित्व योजनांतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त मैप-02 का 31 जुलाई 2024 तक प्रारंभिक प्रकाशन किया जाना है। इसी तरह कोटवारो द्वारा विक्रय की गई कोटवारी और सेवाभूमि के विरूद्ध 31 जुलाई 2024 तक समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। वार्षिकी कृषि सांख्यिकी सारणी तथा ऋतु एवं फसल प्रतिवेदन (जिंसवार) वर्ष 2023-24 का 15 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत जानकारी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। 

31 जुलाई तक हो सभी मामलों का निपटारा 

अभिलेख शुद्धता के अंतर्गत संकलन हेतु शेष खसरा, विलोपन योग्य संदिग्ध खसरा, शून्य रकबा वाले खसरा, भूमिस्वामी विहीन खसरा, भूमिस्वामी के विवरण में स्पेशल कैरेक्टर युक्त खसरा, संयुक्त खातेदार का नाम पृथक-पृथक दर्ज न होकर एक साथ दर्ज होने, त्रुटिपूर्ण खसरा, भूमिस्वामी क्रमांक निर्धारण हेतु शेष खसरा की संख्या अंतर्गत 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। नक्शा बटांकन अंतर्गत जुलाई माह में प्रत्येक तहसील में 05 प्रतिशत की प्रगति करना अनिवार्य है तथा भूमिस्वामी के खातों में आधार, मोबाईल नं. किसान किताब और जेण्डर की प्रविष्टि 31 जुलाई 2024 तक शत-प्रतिशत करना सुनिश्चित किया जाए।

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