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राजधानी रायपुर की चंगोराभांठा स्थित मंदिर को दान में दी गई भूमि को कूटरचना कर बेच दिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस पर परिवाद दायर किया था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के चंगोराभांठा में स्थित मंदिर को दान में दी गई भूमि को कूटरचना कर बेच दिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस पर परिवाद दायर किया था। इस मामले में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने एक सप्ताह के भीतर जांच कर कलेक्टर को प्रविवेदन प्रस्तुत करने और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

राजस्व मंत्री के समक्ष डॉ. खूबचंद बघेल वार्ड क्र. 68 के चंगोराभांठा महादेव तालाब पर स्थित सीरवेश्वर नाथ महादेव मंदिर और उसकी 4.40 एकड़ जमीन भूमाफिया को नियम विरूद्ध बेचने और अवैध प्लाटिंग से संबंधित प्रकरण पर आवश्यक कार्रवाई के लिए क्षेत्र के निवासियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया है। यह भूमि पटवारी हल्का नं. 105 खसरा नं. 84 तहसील जिला-रायपुर में स्थित है। यह भूमि रिंगरोड पर श्याम पेट्रोल पंप के पीछे और अभिनंदन पैलेस के बाजू की है। 

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जमींदार ने 11 एकड़ भूमि की थी दान 

गौरतलब है कि, महादेव तालाब के किनारे जमींदार गोविंदधर ने महादेव तालाब के किनारे 11 एकड़ जमीन (पांच एकड़ कृषि के लिए, साढे चार एकड़ तालाब के लिए तथा डेढ एकड़ तालाब के चारों ओर आने जाने का मार्ग) ग्राम समाज को मंदिर के लिए दान में दी गई थी। भू-स्वामी गोविंदधर की वर्ष 1976 में मौत के बाद मंदिर के सेवक जयलालपुरी वल्द नरोत्तम पुरी ने कूटरचना कर स्वयं को मंदिर तथा मंदिर से लगी जमीन का सर्वराकार बना लिया। 

ऐसे बेची गई जमीन 

जयलाल पुरी ने यह जमीन अवैध रूप से 1989 में भूमाफिया संजय अग्रवाल को बेच दी जबकि ट्रस्ट के प्रबंधक तत्कालीन कलेक्टर थे। कूटरचना कर यह बताने का प्रयास किया गया कि, वास्तविक भूस्वामी गोविंदधर निहंग साधु था तथा उसके कोई संतान नहीं हैं। जबकि रायपुर ब्राह्मणपारा निवासी गोविंदधर के पुत्र बलरामधर तथा उनके पुत्र प्रणव कुमार दीवान उनके वारिस हैं। भूमि को भू-माफिया को बेचने की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने न्यायालय में वाद दायर किया था। स्थानीय न्यायालय, सेशन न्यायालय तथा उच्च न्यायालय जबलपुर से केस जीतने के बाद भी मंदिर की भूमि भू-माफिया के कब्जे में है।

निगम चला चुकी है बुलडोजर 

उक्त भूमि पर भू-माफिया अवैध रूप से प्लाटिंग कर बेचने की शिकायत 7 जून 2022 को कलेक्टर रायपुर और नगर निगम आयुक्त से की गई थी। क्षेत्र के निवासियों ने जनहित में उक्त भूमि की अवैध प्लाटिंग पर रोक, रजिस्ट्री पर रोक तथा कूटरचना कर नामांतरण करवाने वालों पर अपराध दर्ज करने एवं 4.40 एकड़ भूमि व तालाब पर आने-जाने के बंधक रास्ते को मुक्त करवाने के आवेदन पर नगर निगम ने उक्त अवैध प्लाटिंग पर 16 जून 2022 को बुलडोजर चलाया था।

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