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 राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति बड़ी राशि लंबित होने की शिकायत की जाती रही है। 

रायपुर। शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों का एडमिशन और निजी स्कूल छोड़ने के मामले में सख्त शिक्षा विभाग आज स्कूल के प्राचार्यों के साथ समीक्षा बैठक कर जानकारी जुटाएगा। इस योजना के तहत जिलास्तर पर बैठक कर स्कूल ड्रॉप करने वाले बच्चों पर शासन स्तर पर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी बाजपेयी स्मृति सभागार में सोमवार को सभी शासकीय और निजी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई गई है। 

बैठक का मुद्दा आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों का स्कूल ड्रॉप किया जाना है। सूत्रों का कहना है कि शासन इस मामले में काफी गंभीर है और इस योजना के तहत बच्चों को एडमिशन देने के मामले में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी किए जाने की शिकायतें भी काफी अधिक मिलती रहती हैं।

राशि लंबित रहने की शिकायत

राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति बड़ी राशि लंबित होने की शिकायत की जाती रही है, हालांकि शासन स्तर पर इसे नकारा जा चुका है। योजना के तहत स्कूल ड्रॉप करने के मामले में तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों को पांच साल की जानकारी के आधार पर समीक्षा कर रिपोर्ट 10 दिन के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश को लेकर जिलास्तर के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं और निजी स्कूलों में भी बेचैनी बढ़ी हुई है।

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