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मैनपुर इलाके के अमलीपदर सूखा नदी को जान जोखिम में डाल पार कर लगभग 300 छात्र छात्राएं इन दिनों स्कूल पहुंच रहे हैं। कई छात्र छात्राएं प्रतिदिन नदी में फिसलकर गिर रहे हैं।

मैनपुर। बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से प्रदेश के कई नदी- नाले उफान पर हैं। गरियाबंद के मैनपुर इलाके में स्कूली बच्चों को उफनती नदी- नालों को पार कर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। पर्याप्त पुलिया के अभाव में बारिश के चार माह दिक्कतों और परेशानियों के बीच गुजारना पड़ रहा है।

पिछले सप्ताह भर से रुक रुककर झमाझम बारिश के कारण मैनपुर क्षेत्र के लगभग सभी नदी नाले उफान पर है और कई स्कूलों के दरवाजे दो तीन दिनों तक नहीं खुल पाए हैं, क्योंकि स्कूल तक न तो शिक्षक पहुंच पाए और न ही ज्यादातर विद्यार्थी, और तो और तहसील मुख्यालय से भी लोग कट रहे। मैनपुर ब्लॉक के अमलीपदर सूखा नदी को जान जोखिम में डाल पार कर लगभग 300 छात्र छात्राएं इन दिनों स्कूल पहुंच रहे हैं और कई छात्र छात्राएं प्रतिदिन नदी में फिसलकर गिर रहे हैं।

करोड़ों रुपए स्वीकृत होने के बाद निर्माण कार्य अधर में

मैनपुर अमलीपदर सूखा नाला पर 2020 में 7 करोड़ की लागत से पुल निर्माण की मंजूरी तो मिल गई, पर आज भी इस क्षेत्र के लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है। 150 मीटर पुल के निर्माण की जवाबदारी पीडब्ल्यूडी के सेतु शाखा को मिली थी। निविदा के बाद एनजी एसिसोएट नाम की कंपनी को काम मिला। 5 जून 2022 को कार्य आदेश जारी हुआ, जिसे 2023 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन ठेका कम्पनी ने तय समयावधि के अतरिक्त और एक साल मिलने के बावजूद केवल 28 प्रतिशत ही काम कर पाया। पिछले 24 माह में ठेकेदार ने बनाए जाने वाले 5 पिलर में एक भी खड़ा नहीं कर पाया। केवल दो एबर्टमेंट ही खड़ा हो सका है। ठेका कंपनी के पास काम करने पर्याप्त संसाधन नहीं थे। लिहाजा पिलर के लिए नींव खोदने में ही एक साल से ज्यादा समय लग गए। विभाग ने अब तक 28 प्रतिशत काम के एवज में लगभग डेढ़ करोड़ का भुगतान कम्पनी को किया है।

छात्राओं ने कहा, निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिए

बुधवार को नदी में पानी का तेज बहाव को पार कर स्कूल आने वाले छात्र छात्राएं कुमारी हर्षिता, रीता, पूर्णिमा, सीमा मंजुलता, रेशमी, ऐश्वर्या, प्रियंका, पुष्पा ने हरिभूमि को बताया कि वे प्रतिदिन 07 से 08 किलोमीटर सायकल से स्कूल पढाई करने आते हैं। अमलीपदर के सामने इस सूखा नदी में पुल निर्माण कार्य आधा अधूरा छोड़ दिया गया है। साथ ही कहीं कहीं पर बड़े बड़े गड्ढे और लोहे के सरिया निकला हुआ है। उसके उपर पानी चलने के कारण दिखाई नही दे रहा है।

ज्यादा प्रभावित

अमलीपदर में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल की सुविधा है, और अमलीपदर में ग्राम उसरीजोर, गुढियारी, भाठीपारा, गोलामाल, कांण्डेकेला, डेडन्दुपदर, मुडामहान, गुरजीभाठा, फरसरा सहित एक दर्जन से ज्यादा ग्रामों के छात्र छात्राएं प्रभावित हैं।

क्या कहते हैं प्राचार्य

शासकीय उच्चतर कन्या माध्यमिक विद्यालय अमलीपदर के प्राचार्य श्री वाघे ने बताया कि, 150 से ज्यादा छात्राएं नदी पार कर स्कूल पढ़ाई करने आते हैं, तेज बहाव होने पर बच्चों को स्कूल आने से रोका जाता है, साथ ही पुल स्थल पर सूचना बोर्ड लगाना जरूरी है। सूखी नदी का बहाव कभी तेज हो जाता है।

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