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रतनपुर के खूंटाघाट डैम में मगरमच्छ की मौत हो गई। वहीं कोंडागांव जिले के फरसगांव क्षेत्र में  शेर के पंजे का निशान दिखने से हड़कंप मच गया है।  

प्रेम सोमवंशी- कोटा। छत्तीसगढ़ के रतनपुर क्षेत्र में स्थित खूंटाघाट डैम में बड़ी संख्या में मगरमच्छ है, जो भोजन की तलाश में अक्सर डैम से बाहर निकल जाते है। डैम से निकलकर सड़क क्रॉस करने के दौरान ग्राम जाली पुरैना तालाब के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक मगरमच्छ की मौत हो गई। जिसकी सर कुचली हुई लाश मिली है। सुरक्षा व्यवस्था न होने से अक्सर मगरमच्छ डैम से बाहर चले जाते है। 

दरअसल यह पूरा मामला रतनपुर क्षेत्र में स्थित खूंटाघाट डैम की है। डैम से निकलकर सड़क क्रॉस करने के दौरान ग्राम जाली पुरैना तालाब के पास वाहन की चपेट में आने से एक मगरमच्छ की मौत हो गई। डैम में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते है। ये मगरमच्छ भोजन की तलाश में कभी-कभी डैम से बाहर निकल जाते है। कई बार गांव के तालाब और गलियों में भी मगरमच्छ मिलते रहे हैं। 

नहीं है सुरक्षा व्यवस्था 

सुरक्षा व्यवस्था न होने से अक्सर मगरमच्छ इसी तरह से डैम से बाहर चले जाते हैं, जिससे आम लोगों के साथ उनके भी प्राणों पर संकट गहराता है। इसे लेकर वन विभाग कोई व्यवस्था नहीं कर रहा। जिस कारण से इस तरह की घटनाएं हो रही है। अगर खूंटा घाट डैम में मगरमच्छों की संख्या अधिक हो गई है। तो उन्हें कोटमी सोनार के अभ्यारण में शिफ्ट किया जा सकता है या फिर खूंटाघाट डैम में ही उनकी सुरक्षा के लिए अलग से कोई व्यवस्था की जानी चाहिए, नहीं तो इसी तरह से इनकी मौत होती रहेगी।

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शेर का पगचिन्ह

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शेर का पंजा दिखने से लोगों में दहशत 

कोंडागांव जिले के फरसगांव के ग्रामीण अंचल में जंगली जानवर के पैर का निशान दिखने से हड़कंप मच गया है। मोहलई गांव के लोगों का कहना है की यह शेर के पंजे का निशान है। जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल है। जिसके कारण से पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं गांव का कोटवार मुनियादी कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी दे रहा है।  

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