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पूर्व में हुए एक्सीडेंट में गुस्साई भीड़ ने शव को रखकर लगभग 6 घंटे चक्का जाम किया था। यही माहौल पुनः बनते देख पुलिस ने स्वयं की गाड़ी से शव को रवाना किया।

सोमा शर्मा - नवापारा /राजिम। छत्तीसगढ़ के नवापरा राजिम में रेत भरे हाइवा ने मोपेड सवार बुजुर्ग को ठोकर मार दी। ठोकर इतना जबरदस्त था कि बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। 

मिली जानकारी के अनुसार, नवापरा राजिम से रायपुर जाने वाली नेशनल हाइवे पर रेत भरे हाइवा ने मोपेड सवार बुजुर्ग को ठोकर मार दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। बताया जा रहा है कि, पूर्व में हुए एक्सीडेंट में गुस्साई भीड़ और परिजनों ने शव को रखकर लगभग 6 घंटे चक्का जाम किया था। यही माहौल पुनः बनते देख पुलिस प्रशासन ने एंबुलेंस के आने का इंतजार न करते हुए स्वयं की गाड़ी से शव को रवाना किया। मौजूद लोगों ने गाड़ी पर पत्थर फेंक प्रदर्शन जारी रखा हुआ है। आक्रोशित भीड़ को देखते हुए ड्राइवर भी मौके से फरार हो गया।

भरभराकर गिरी स्कूल की छत : बच्चों को आई चोट, 

वहीं बिलासपुर में स्कूलों की हालत खराब होती जा रही है। लगातार छत के गिर जाने से बच्चों को चोट लग रही है। कोसमडीह प्राथमिक स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, इसी बीच जर्जर होती छत गिर गई और कुछ बच्चों को चोट आ गई। इस बात की सूचना डीईओ और एसडीएम को दी गई है। 

स्कूल के पास क्रेशर की खदान है...

बता दें, कोसमडीह प्राथमिक स्कूल के पास क्रेशर की खदान है, जहां पर ब्लास्टिंग हो रही है। इस ब्लास्टिंग के चलते आसपास का क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। इसी की वजह से स्कूल की छत भरभराकर गिर गई। 

बीईओ कार्यालय में दी सूचना...

कक्षा में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और पढ़ाई के दौरान ही छत गिर गई, जिसके बाद कुछ छात्र घायल हो गए, हालांकि घायल छात्रों का इलाज जारी है। इस बाक की जानकारी एसडीएम और बीईओ कार्यालय में भी लिखित में दी गई है।

मरम्मत के लिए आए थे 10 करोड़...

प्रशासन की तरफ से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के लिए 10 करोड़ रुपए आए थे। लेकिन खर्चा फंड से ज्यादा चाहिए, क्योंकि जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में 925 के स्कूलों की मरम्मत करनी है। शिक्षा विभाग का दावा है कि, अब तक सिर्फ 180 स्कूलों की ही मरम्मत हुई है। 

स्कूलों की स्थिति क्या है...

दरअसल, 130 स्कूलों में टॉयलेट जर्जर हालत में है। 30 स्कूलों में टॉयलेट उपलब्ध ही नहीं है। वहीं 600 से अधिक स्कूलों में बॉउंडीवाल नहीं है। 10 से ज्यादा स्कूलों में भवन नहीं बनाए गए हैं। 15 स्कूलों में पानी तक की व्यवस्था नहीं है। 6 स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है।

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