रायपुर। धमतरी जिले में आयोजित हो रहे धमतरी जल जगार आयोजन के लिए जारी किए गए सरकारी टेंडर छत्तीसगढ़ की सियासत से लेकर संस्कृति विभाग और उससे जुड़े कलाकारों तक विवाद पैदा कर दिया है। जल जगार कार्यक्रम के लिए धमतरी जिला प्रशासन ने जो टेंडर किया है उसमें सीधे कलाकार का नाम लिखकरकहा है कि-प्रस्तुति के लिए अनुज शर्मा या अनुज शर्मा जैसा कलाकार चाहिए। इसी तरह गरिमा दिवाकर या उनके जैसा कलाकार होना चाहिए। कार्यक्रम का जो पोस्टर जारी किया गया है उसमें इन्हीं दोनों कलाकारों की प्रस्तुति का जिक्र है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाए।
अनुज शर्मा ने हरिभूमि से कहा कि कार्यक्रम में प्रस्तुति करने के लिए कहा गया है। वैसे विधायक बनने के बाद में कम ही कार्यक्रम करता हूं। धमतरी जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए टेंडर में रखी गई शर्तों को लेकर विवाद होना था, हो भी गया। इस टेंडर में आर्टिस्ट परफॉरमेंस के संबंध में जो शर्तें रखी गई हैं, वे चौंकाने वाली हैं। एक भाजपा विधायक एवं कलाकार अनुज शर्मा के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि आर्टिस्ट परफॉरमेंस अनुज शर्मा के बराबर (इक्वीलेंट) या उनके जैसी होनी चाहिए। यही बात एक कलाकार गरिमा दिवाकर ने नाम से कही गई है और ये शर्त टेंडर में शामिल है।
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भूपेश ने ट्वीट कर उठाए सवाल
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट कर अपनी बात रखी है। उन्होंने लिखा है- धमतरी में जल- जगार हो रहा है। इसका टेंडर निकला तो कहा गया कि कलाकार को अनुज शर्मा या बराबर के स्तर का होना चाहिए। अब वे छत्तीसगढ़ में प्रतिभा के मानक हो गए हैं? क्या वे इतने बड़े कलाकार हैं कि सरकारी टेंडर कहे कि हमें उनके जैसा कलाकार चाहिए? और मजेदार बात है कि एक ओर कलाकार के लिए टेंडर निकला है और दूसरी ओर अनुज शर्मा पहले से ही इस उत्सव में कलाकार के रूप में शामिल थे, तो टेंडर था किसलिए?
धमतरी में जल-जगार हो रहा है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 2, 2024
इसका टेंडर निकला तो कहा गया कि कलाकार को अनुज शर्मा या बराबर के स्तर का होना चाहिए.
अब वे छत्तीसगढ़ में प्रतिभा के मानक हो गए हैं? क्या वे इतने बड़े कलाकार हैं कि सरकारी टेंडर कहे कि हमें उनके जैसा कलाकार चाहिए?
और मज़ेदार बात है कि एक ओर कलाकार के… pic.twitter.com/IKPCSiFhyg
टेंडर की मुझे कोई जानकारी नहीं-अनुज
धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने बताया कि, धमतरी जगार कार्यक्रम के टेंडर के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैंने इस टेंडर में अप्लाई भी नहीं किया है। मैं ए डबल प्लस श्रेणी का कलाकार हूं। विधायक बनने और भाजपा सरकार आने के बाद मैंने ऐसे एक भी कार्यक्रम नहीं किया है। चक्रधर समारोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का आयोजन था उसमें मैंने अपनी प्रस्तुति दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सोशल मीडिया में ट्वीट कर भाजपा सरकार के द्वारा उन्हें पद्मश्री दिलवाए जाने की टिप्पणी पर कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पद्म श्री मिला था। केंद्र की भाजपा सरकार के समय नहीं।
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कलाकारों का पेमेंट आधा
छत्तीसगढ़ फिल्म के सुपरस्टार प्रकाश अवस्थी ने कहा है, कांग्रेस शासन काल से ही कलाकारों की स्थिति बदतर रही है। भाजपा शासन काल में भी कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। कलाकारों का पेमेंट आधा कर दिया गया है। सरकारी टेंडर में किसी कलाकार को मापदंड बनाकर पात्रता रखना गलत है। संस्कृति विभाग के अफसर अपने मनमर्जी से टेंडर में शर्त डाल रहे हैं। ऐसा कदापित नहीं होना चाहिए। ये कोई मापदंड नहीं है। धमतरी के जल जगार कार्यक्रम के टेंडर में यह मापदंड गलत है।
उठ रहे हैं ये सवाल
इस मामले को लेकर अब विपक्ष ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सवाल ये है कि कोई भी कलाकार किसी अन्य कलाकार के बराबर या समकक्ष योग्यता का कैसे हो सकता है। जानकारों का कहना है कि आम तौर पर इस तरह की शर्तें टेंडर में होती नहीं है। यह टेंडर धमतरी जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर के नाम से जारी किया गया है। जल जगार का आयोजन 5-6 अक्टूबर को धमतरी के करीब गंगरेल बांध में रखा गया है। यह टेंडर 30 अगस्त को जारी किया गया है।
इसके लिए प्री बिड मीटिंग 9 सितंबर को हो चुकी है।13 सितंबर को टेंडर खुल भी चुका है। इन शर्तों के संबंध में जानकारी एवं जिला प्रशासन का पक्ष लेने
कलेक्टर धमतरी से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन मोबाइल पर बात नहीं हो सकी है।