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छत्तीसगढ़ में एक जिला ऐसा भी है, जहां के 301 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हो चले हैं। सालों से इनकी न तो मरम्मत कराई गई और न ही निर्माण के वक्त इनकी गुणवमता का ध्यान रखा गया।

देवराज दीपक- सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले में 301 सरकारी स्कूलों के भवन काफ़ी जर्ज़र हो गए हैं। इन सकूलों में कभी भी अनहोनी होने की आशंका है। 

जिले भर के जर्ज़र स्कूल भवनों की बात करे तो, बरमकेला ब्लॉक में झिकिपाली, डोंगरीपाली, सारंगढ़ ब्लॉक में कांदूर पाली समेत कई स्कूल जर्जर हैं। झिकिपाली के प्राथमिक शाला में जर्जर भवन से छत की परतें गिर रही हैं। जिससे कभी भी अनहोनी का खतरा छात्रों और शिक्षकों पर मंडरा रहा है। बच्चे जर्ज़र स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। 

निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी

बहरहाल राज्य सरकार द्वारा हर जगह पर शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। करोड़ों रुपये सरकार द्वारा स्कूल भवन बनाने के लिए दिए जाते हैं। लेकिन भ्रष्ट ठेकेदार निम्न स्तर का काम करके लाखों रुपये का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अधिकारियों से मिलीभगत करके ठेकेदार राशि का आहरण कर लेते हैं। इसी वज़ह से जिले के 301 स्कूल जर्जर हो चुके हैं, जिससे अब जर्जर स्कूल पर शिक्षा विभाग किसी बड़े अनहोनी होने का इंतजार हैं। 

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सरकारी स्कूलों की छत जर्जर

आदेश के बावजूद नहीं तोड़े गए स्कूल भवन

जिले में जर्जर स्कूल भवनों को डिसमेंटल करने का आदेश जारी होने के बावजूद नहीं तोड़ा जा रहा है। क्षेत्र मे ऐसे जर्जर भवनों में जिंदगी दांव पर लगाकर शिक्षा ग्रहण करने बच्चे मजबूर हैं। सरकार भले ही शिक्षा स्तर को सुधारने लाख प्रयास कर रही हो, पर जिले के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छात्र - छात्राएं जीर्ण- शीर्ण भवनों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

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