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छत्तीसगढ़ की राजधानी से लगते धरसीवां ब्लाक में ही स्कूलों के भवनों की हालत खराब है तो दूर दराज के स्कूलों की हालत स्वयं समझ सकते हैं।

प्रेमलाल पाल- धरसींवा / कूंरा। छत्तीसगढ़ में आए दिन जर्जर स्कूल भवनों में हादसों की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बाबजूद प्रशासन इस दिशा में अब तक गंभीर नहीं है। कूँरा शासकीय प्राथमिक शाला के 44 साल पुराने भवन में स्कूल का ऑफिस चल रहा है साथ ही जर्जर कक्षों को करीब 5 साल पहले तोड़ा गया, उनका भी अब तक निर्माण नहीं हुआ है। यह दर्द है धरसींवा की कूँरा नगर पंचायत क्षेत्र की शासकीय प्राथमिक शाला का। यहां जहां- तहां कचरे में शराब की बोतलें इस बात को प्रमाणित कर रही थीं कि विद्या का यह मंदिर अब शराबियों- गंजेडियों का अड्डा बन चुका है।

जतन योजना में बनाने के लिए तोड़ा गया

दरअसल इस स्कूल भवन का निर्माण 44 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर अजित जोगी के समय हुआ था। उद्घाटन भी अजित जोगी तत्कालीन कलेक्टर ने 1980 में किया था। दशकों पुराना होने से जर्जर अवस्था में आने से एक बिल्डिंग को छोड़कर शेष बिल्डिंग करीब 5 साल पहले तोड़ दी गई। बीईओ से मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन मोबाइल पर उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के समय मुख्यमंत्री जतन योजनांतर्गत इसका निर्माण हो इसलिए पुराने भवन को तोड़ा गया था, लेकिन नए भवन के लिए मंजूरी न मिलने से अब तक काम नहीं हुआ। 44 साल पुरानी एक बिल्डिंग में ऑफिस लग रहा है वह भी जर्जर है। ग्रामीण जुगल अग्रवाल का कहना है कि, 500 बच्चों की पढ़ाई भवन न बनने से चौपट हो रही है। साथ ही विद्या के इस पवित्र मन्दिर को शराबियों और गजेड़ियों ने अपना अड्ड़ा बना लिया है। 

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लोगों में आक्रोश

वार्ड 3 के पार्षद ढालचंद पाल ने बताया कि , यह स्कूल भवन जर्जर होने के चलते पिछले पांच सालों से टूटा पड़ा है। जिसके चलते शराब व गांजा पीने वाले लोग उस जगह को अपना अड्डा बना रखे है और देर रात तक वहां बैठे रहते हैं और इसके नवनिर्माण के लिए शासन प्रशासन को भी कई बार पत्र लिखे जाने के बावजूद शिक्षा विभाग नजरअंदाज कर बैठे हुए हैं जिनसे जन आक्रोश बढ़ रहा है। 

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स्कूल भवन जर्जर

क्यों शुरू नहीं हो रहा निर्माण

वार्ड 10 के पार्षद प्रतिनिधि राजकुमार कोसले ने कहा कि, शाला भवन को पांच साल से टूटा हुआ देख रहा हूं। पंचायत के कुछ जवाबदार लोग कहते हैं कि, इसका पैसा पास हो गया है, पर यह नन्हे बच्चों की पाठशाला भवन का निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हो पा रहा है यह समझ से परे है।

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प्राथमिक विद्यालय को ही बना डाला शराबियों का अड्डा 
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