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​​​​​​​छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभ्यारण्य में सालों बाद अचानक बाघ दिखने से सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी। आस-पास के 7 गांवों में धारा 144 लागू किया गया।

देवेश साहू, बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा जंगल में सालों बाद अचानक बाघ दिखने से बाघ की सुरक्षा को लेकर वन विभाग सहित प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। जिला कलेक्टर केएल चौहान ने मंगलवार को बारनवापारा अभ्यारण के आस–पास के सात गांव में धारा 144 लागू कर दी है। जिनमें रवान,मोहदा, कौआबाहरा, मुरुमडीह, छतालडबरा, गजराडीह व दलदली गांव के नाम शामिल हैं। इन सात गावों में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर भी रोक लगाया गया है। 

दरअसल, बाघ को पहली बार शिक्षक कांशीराम पटेल ने 7 मार्च को बारनवापारा अभ्यारण सिरपुर रोड में देखा और वीडियो बना कर वन विभाग को सूचित भी किया। जिसके बाद से लगातार वन अमला बाघ की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरत रहा है। ग्रामीणों को वन विभाग के अनुमति बगैर जंगलों में जाने पर रोक लगाई गई थी।

इसके बाद ग्रामीणों ने दूसरी बार 8 मार्च को बाघ देखने की सूचना दी। जिस पर तत्काल वन विभाग ने टीम गठित कर कार्रवाई की। इस दौरान अमलोर, सुकुलबाय में मवेशियों का शिकार होना पाया गया और 12 मार्च को बाघ के पंजे के निशान मिले। वहीं 14 मार्च को बलौदाबाजार वनमण्डल के परिक्षेत्र बल्दाकछार के कर्मचारी ने बाघ को प्रत्यक्ष देखा और पुष्टि की। इसके बाद वन विभाग ने NTCA द्वारा जारी SOP/प्रोटोकॉल का पालन कर नियमानुसार कार्रवाई की शुरु की।  

बाघ को ट्रेक करने 3 टीमें गठित

बता दें, 3 ट्रेकिंग टीम वनमण्डल बलौदाबाजार, वनमण्डल महासमुन्द, वन विकास निगम की गठित कर नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी रायपुर और वसुंधरा सोसाइटी फार कंजर्वेशन आफ नेचर के सहयोग से लगातार ट्रेकिंग किया जा रहा है। वहीं, वन विभाग लगातार ग्रामीणों को बाग के जंगल में घूमने के चलते जंगल में ना जाने के लिए सचेत कर रहा है। इसके साथ ही वन विभाग लगातार रात में पेट्रोलिंग कर क्षेत्र को नियंत्रण करने का प्रयास कर रहा है। 

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