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पं.रविशंकर शुक्ल विवि की परीक्षाएं मंगलवार से प्रारंभ हुई। पहले दिन अन्य विषयों के साथ बीसीए तृतीय वर्ष का भी पर्चा था। सांख्यिकीय विश्लेषण की परीक्षा निर्धारित थी।

रायपुर। रविवि जो ना करे, वो कम है। विश्वविद्यालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही प्रश्नपत्र में अंकों के बंटवारे को लेकर सामने आई है। पं. रविशंकर शुक्ल विवि की परीक्षाएं मंगलवार से  प्रारंभ हुई। पहले दिन  अन्य विषयों के साथ बीसीए तृतीय वर्ष का भी पर्चा था। सांख्यिकीय विश्लेषण की परीक्षा निर्धारित थी। यह परीक्षा 80 अंकों की होती है। लेकिन रविवि ने जो प्रश्नपत्र छात्रों को वितरित किए, उसमें 50 अंकों के सवाल पूछे गए। परीक्षा हॉल में प्रश्नपत्र देखकर छात्र चौंक गए। ना केवल छात्र बल्कि शिक्षक भी इसे लेकर हैरान- परेशान दिखे। 

रविवि से संबद्ध सभी महाविद्यालयों में जहां केंद्र बनाए गए थे, ये पर्चे बांटे गए हैं। छात्रों ने तैयारी 80 अंकों के आधार पर की थी। जब कम अंकों के सवाल पूछे गए तो वे समझ नहीं पाए कि अंकों के आधार पर जवाब की लंबाई कम रखें अथवा पूर्व निर्धारित ब्लू प्रिंट के आधार पर ही उत्तर दें। कई केंद्रों में छात्रों ने परीक्षकों को इसकी जानकारी दी। इस पर उन्हें प्रश्नपत्र हल करने की सलाह दी गई। पेपर समाप्त होने के बाद छात्रों ने इसकी शिकायत महाविद्यालय के प्राचार्यों से की है।

पांच यूनिट, दो सवाल हल करना अनिवार्य

बीसीए तृतीय वर्ष के सांख्यिकी विषय के ब्लू प्रिंट के अनुसार, सिलेबस में पांच यूनिट हैं। प्रत्येक यूनिट से तीन सवाल पूछे जाते हैं। इनमें से किसी दो को हल करना अनिवार्य होता है। 80 अंकों के प्रश्नपत्र के अनुसार, प्रत्येक प्रश्न के लिए 8 अंक तय होते हैं। छात्रों - को 8 अंकों के 10 प्रश्न हल करने = होते हैं। इसके अलावा 20 अंकों की आंतरिक परीक्षा होती है, जो पहले ही हो चुकी है। दोनों के अंक मिलाकर कुल 100 नंबर की परीक्षा छात्रों की होती है। आंतरिक परीक्षा होती है, जो पहले ही हो चुकी है। दोनों के अंक मिलाकर कुल 100 नंबर की परीक्षा छात्रों की होती है। 

तो बिगड़ेंगे परिणाम

अधिकतर छात्रों ने सवालों के उत्तर इस आधार पर दिए हैं कि प्रश्न 5 नंबर के हैं। अब यदि रविवि द्वारा सवालों के अंक बढ़ाए जाते हैं तो छात्रों के परिणाम बिगड़ सकते हैं, क्योंकि अधिकतर छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक के आधार पर ही उत्तर दिए जाते हैं। गोपनीय सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रश्नपत्र सेट करने वाले प्राध्यापक केवल प्रश्न तैयार करके देते हैं। उनके आगे अंकों का जिक्र करना रविवि की जिम्मेदारी होती है।

शिकायत मिली है

महंत कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि,परीक्षा दिलाने के बाद छात्र अंकों की शिकायत लेकर पहुंचे। परीक्षा 80 अंकों की होनी चाहिए थी। हम विवि प्रबंधन तक छात्रों की समस्या पहुंचाएंगे।
 

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