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धान के अवैध भंडारण और बिजली खपत का मुद्दा सदन में गूंजेगा। बढ़ते अपराधों का मामला सदन में उठेगा।

रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र का आज सातवां दिन है। बजट सत्र के दौरान उर्जा, खाद्य, महिला और बाल विकास को लेकर सवाल किए जाने वाले हैं। वहीं प्रश्नकाल में धान के अवैध भंडारण और बिजली खपत का मुद्दा सदन में गूंजेगा। 

बता दें, सीएम विष्णुदेव साय विभिन्न पत्रों को पटल पर रखेंग। इसके अलावा बढ़ते अपराधों का मामला सदन में उठेगा। इस मुद्दे को पूर्व विधायक कुंवर सिंह निषाद उठाने वाले हैं। इतना ही नहीं बजट पर सामान्य चर्चा आज भी जारी रहेगी, जिसका जबाव वित्तमंत्री ओपी चौधरी देंगे। 

सरकारी कर्मचारियों के पेंशन योजना का मुद्दा उठा

बजट सत्र के छठवें दिन सदन में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन योजना का मुद्दा उठाया गया। भाजपा विधायक सुशांत शुक्लार के प्रश्ना के जवाब में वित्तय मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, केन्द्र सरकार से नही बल्कि  पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है। वित्तमंत्री श्री चौधरी ने आगे कहा कि, ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित और जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है। वर्तमान में एनपीएस विकल्प का चयन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है। 

एनपीएस के रूप में कटेगा वेतन 

उन्होंने आगे कहा कि, ओपीएस के विकल्प लेने वाले कर्मचारियों के पूर्व में एनपीएस अंशदान के रूप में वेतन से कटौती की जाकर एनएसडीएल में जमा की गई राशि में से शासकीय अंशदान एवं उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय सेवक के मृत्यु या सेवानिवृत्त होने पर उनके एनपीएस खाते के अंतिम भुगतान से शासकीय कोष में जमा की जावेगी। I

कांग्रेस पर लगाया आरोप 

एक प्रश्नष के जवाब में मंत्री चौधरी ने बताया कि फिलहाल राज्यउ में पुरानी पेंशन योजना ही लागू रहेगी। इमसें बदलाव का कोई प्रस्ता व सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। वित्तमंत्री श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि, ओपीएस लागू करने के पीछे तत्कातलीन सरकार की मंशा 19 हजार करोड़ रुपये को हासिल करना था, जो पीएफआरडीए में जमा है। तत्काकलीन सरकार की गिद्ध जैसी नजर उस पैसे पर थी। लेकिन यह राशि राज्यु सरकार को नहीं मिलेगी बल्कि जैसे- जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त  होंगे वैसे-वैसे राशि उन्हें प्राप्तक होती जाएगी।

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