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नई सरकार आते ही नक्सलियों पर कार्रवाई तेज हो गई हैं। इसी में कड़ी में मंगलवार को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर हुई मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए हैं। यहां तक़रीबन 80 से 100 नक्सली आराम फरमा रहे थे। मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के उपर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार आते ही नक्सलियों पर कार्रवाई तेज हो गई हैं। इसी में कड़ी में मंगलवार को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर हुई मुठभेड़ में मंगलवार को 10 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों के पास से AK-47, इंसास राइफल समेत भारी मात्रा में अन्य सामान भी बरामद किया गया है। मुठभेड़ में मारे गए दो नक्सलियों के उपर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

80 से 100 नक्सली फरमा रहे थे आराम 

लोगों की मानें तो बस्तर के अबूझमाड़ को नक्सली अपनी राजधानी मानते हैं और इस इलाके में टेकामेटा के जंगलों को अपना हेडक्वॉर्टर बना लिया था। जिसमें तक़रीबन 80 से 100 नक्सली आराम फरमा रहे थे। जिनमें पोलित ब्यूरो मेंबर और एक करोड़ का इनामी वेणु गोपाल उर्फ सोनू भी मौजूद था। साथ ही CCM, DKSZC, DVCM, कैडर के कई नक्सली भी मौजूद थे। ये नक्सलियों का हेडक्वॉर्टर था इसलिए यहां उत्तर बस्तर डिवीजन, माड़ डिवीजन और गढ़चिरौली डिवीजन के कई नक्सली मौजूद थे।

रात भर एंबुश लगाए रहे जवान, सुबह होते ही बोला धावा 

मारे गए नक्सलियों के शव
मारे गए नक्सलियों के शव

इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की ही रणनीति पर काम किया। जिसमें मुखबिर से मिली सटीक जानकारी के बाद STF और DRG के करीब 500 से 600 जवानों ने सोमवार की रात नक्सलियों के टेकामेटा कैंप को तीन तरफ से घेर लिया। नदी होने की वजह से जवान चौथी तरफ से घेर नहीं पाए। रात भर में सटीक एंबुश लगाया गया। जहां जवान पेड़ और झाड़ियों की आड़ में पोजिशन लेकर बैठ गए। मंगलवार की सुबह उजाला होते ही कैंप पर धावा बोल दिया और फायरिंग शुरू कर दी। जिस कैंप पर हमला किया गया, वह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। जब हमला हुआ तब सारे नक्सली निश्चिंत होकर सो रहे थे। आमतौर पर नक्सली भी रात में पहरा देते हैं। लेकिन यहां उन्हें पूरा भरोसा था कि, फोर्स यहां कभी पहुंच नहीं पाएगी।

एक करोड़ का इनामी नक्सली वेणु गोपाल भी था मौजूद 

यहीं रहते थे नक्सली
यहीं रहते थे नक्सली

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, यहां कई बड़े नक्सली कैडर्स थे और 2 लेयर में नक्सलियों के कई लड़ाके मौजूद थे। जब सुबह साढ़े 5 से 6 के बीच जवानों ने फायर खोला तो नक्सली हड़बड़ा कर उठ गए और अपने हथियार लेकर यहां-वहां भागने लगे। सुबह 7 से 8 बजे तक 2 नक्सलियों को गोली लगी थी। लेकिन उसके बाद भी नक्सली अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। सुरक्षाबल भी नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इस मुठभेड़ में 1 करोड़ रुपए का इनामी और नक्सलियों के पोलित ब्यूरो का मेंबर वेणु गोपाल भी था। जब जवानों की पहले लेयर के नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। तो नक्सली अपने लीडर को पुलिस की गोली से बचते-बचाते ले गए। सुरक्षाबलों ने सुबह करीब 10 बजे तक 4 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। वहीं मौके से उनके शव और कुछ हथियार भी बरामद कर लिए गए थे। इसके बाद जवान और आगे बढ़ते गए और दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। 

अपने साथियों की डेड बॉडी छोड़ भागे नक्सली 

सूत्रों की मानें तो यहां जवानों ने नक्सलियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा है। दोपहर करीब 12 बजे तक कुल 7 नक्सली मारे जा चुके थे जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल थीं। हालांकि सभी के शव भी बरामद कर लिए गए थे। इसके बाद भी मुठभेड़ रुकी नहीं और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी थी। कुछ देर बाद जवानों ने बचे हुए तीन और नक्सलियों को मार गिराया। इनमें एक महिला और दो पुरुष नक्सली शामिल थे। हालांकि, सारे नक्सली अपने मृत साथियों की बॉडी को मौके पर ही छोड़कर नदी को पार कर घने जंगल की तरफ भाग निकले। 

खतरनाक हथियारों के साथ कंप्यूटर भी बरामद 

मौके से कंप्यूटर भी बरामद
मौके से कंप्यूटर भी बरामद

करीब 6 से 7 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में जवानों ने तीन महिलाओं समेत कुल 10 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं मौके से एक AK 47, इंसास राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक, कंप्यूटर, दैनिक उपयोग का सामान भी बरामद किया गया है। नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त कर दिया गया या फिर यह कहा जाए कि नक्सलियों के हेडक्वॉर्टर पर फोर्स ने कब्जा जमा लिया है। मुठभेड़ रुकने के बाद मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को जिला मुख्यालय लाया गया है।

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