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राजधानी के आउटर की कई कालोनियों में थोक में अस्थाई कनेक्शन देने का काम किया गया है। हाल यह है कि एक ही खंबे में पर थोक में दर्जनों की संख्या में मीटर लगा दिए गए हैं।

बांस-बल्ली लगाकर दे दिए कनेक्शन, तारों का ऐसा हाल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

रायपुर। राजधानी रायपुर में अस्थाई बिजली कनेक्शन देने के मामले में पॉवर कंपनी का अमला पूरी तरह से लापरवाह है। राजधानी के आउटर की कई कालोनियों में थोक में अस्थाई कनेक्शन देने का काम किया गया है। हाल यह है कि एक ही खंबे में पर थोक में दर्जनों की संख्या में मीटर लगा दिए गए हैं। इसी के साथ कनेक्शन के लिए तारों का जाल भी ऐसा फैला है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। एक बार कनेक्शन देने के बाद बिजली विभाग का अमला कभी झांकने भी नहीं जाता कि वहां पर क्या स्थिति है। सालों से अस्थाई कनेक्शन चल रहे हैं, इसको स्थाई भी नहीं किया जा रहा है।

राजधानी रायपुर में अवैध कालोनियों की भरमार है। इसी के साथ अवैध प्लाटिंग करके प्लाट भी बेच दिए जाते हैं। इन प्लांटों पर घर बनाने के लिए लोगों को बिजली के अस्थाई कनेक्शन लेने पड़ते हैं। अस्थाई कनेक्शन के लिए जो नियम है, उसके मुताबिक अस्थाई कनेक्शन का मीटर प्लाट में स्थान न होने के कारण उसको खंभे पर ही लगा दिया जाता है। कई स्थानों पर अवैध प्लाटिंग वाली कालोनियों में लोगों ने अपने घर बनाने के लिए अस्थाई कनेक्शन लिए हैं। इनके मीटरों को खंबों में लगाया गया है। एक-एक खंबे पर बहुत ज्यादा संख्या में मीटर लगा दिए गए हैं।

 स्थाई कनेक्शन के लिए काट रहे चक्कर

यह हाल महज राजधानी का ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर शहर का है। हर शहर में थोक में अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं, लेकिन इनको स्थाई नहीं किया जा रहा है। जो लोग वास्तव में स्थाई कनेक्शन चाहते हैं, उनको बिजली दफ्तरों के लंबे चक्कर भी काटने पड़ते हैं, लेकिन इसके बाद भी उनको स्थाई कनेक्शन नहीं मिल पाते हैं। अस्थाई कनेक्शनों को लेकर पॉवर कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि अस्थाई कनेक्शन से किसी को मना नहीं किया जा सकता है, व्यवस्था न होने पर मजबूरी में एक ही खंभे पर थोक में मीटर लगाने पड़ते हैं।
 

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