महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बार-बार दंड लगाकर प्रताड़ित करने के बाद जुर्माना राशि नहीं मिलने पर गांव के दबंगों और कुछ ग्रामीणों ने मिलकर महिला के घर में पति को बंद कर आग लगा दी। इधर, शिकायत लेकर थाना पहुंचे परिवार को समझौता के लिए दबाव बनाया गया। बाद में महिला द्वारा एसपी से शिकायत किए जाने पर घटना के 3 दिन बाद मामले में संबधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। मामला खल्लारी थानांतर्गत ग्राम नवागांव का है, जहां 2 फरवरी की रात हुई आगजनी की घटना के तीन दिन बाद बुधवार को प्रकरण में एफआईआर दर्ज की गई।
पीड़िता तारा बाई पति बरातू राजपूत ने पुलिस को बताया कि गांव वालों ने गांव से बहिष्कृत किए गए युवक से उनके पुत्र ने बातचीत कर दी। इसलिए पहले तो उन पर भी 5000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया। नहीं दे पाने पर उसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया। शनिवार देर शाम गांव के मुखिया सहित लाठी डंडा लेकर पहुंचे कुछ लोगों ने उन्हें धमकाया। फिर देर रात तकरीबन 12 बजे पहुंचकर गांव वालों ने घर को आग लगा दी। सूचना पर रात तकरीबन 3 बजे पहुंची खल्लारी पुलिस ने उनकी बातें तो सुनी लेकिन, मामले में किसी के भी खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया। तारा बाई ने घर को आग लगाने के चश्मदीद गवाहों के नाम भी पुलिस को बताए हैं।
एसपी से की शिकायत
खल्लारी थाने में शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो महिला ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। उसने बताया कि, गांव से बहिष्कृत लोगों से बेटे द्वारा बातचीत करने पर उन्हें भी दंड रोपित किया गया और दंड की राशि नहीं देने पर कुछ लोगों ने घर में आकर गाली गलौच की और आग लगाने की धमकी दी। कुछ गांव वालों ने साथ दिया और कोई आग बुझाने नहीं आया। पति बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाया।
पति भीतर था और लगा दी आग
प्रार्थिया तारा बाई ने बताया कि वह अपने पति और बच्चे के साथ यहां रहती है। जमीन बेचकर उन्होंने घर बनाया था, अब बकरी पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। महिला ने बताया कि देर रात गांव वालों के एकजुट होने और शोर शराबा के बीच आग लगाओ की आवाज के बाद वह दूसरी और भाग गई। वहीं पति जिस कमरे में था, वहां बाहर से सांकल लगाकर घर को आग लगा दी गई और जान से मारने की कोशिश की गई है। वहीं उनकी 6 बकरियां भी घटना के बाद से नदारद हैं।