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स्वाइन फ्लू के संक्रमण का मामला हर साल सामने आता है, मगर इस बार संख्या कुछ ज्यादा है और मौत के आंकड़े भी दर्जनभर हो चुके हैं। 

रायपुर। लंबे समय तक रहने वाला सर्दी, खांसी और बुखार अब जांच में स्वाइन फ्लू निकलने लगा है। रायपुर जिले में मिलने वाले संक्रमण के मामले में 90 फीसदी की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, वे घर बैठे अथवा अपने नियमित कार्यों के दौरान ही बीमार हुए हैं। जिले में अब तक स्वाइन फ्लू का आंकड़ा 65 तक पहुंच गया है और राज्य में ढाई सौ के करीब मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें दर्जनभर मौत भी हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वातावरण में नमी की मात्रा बनी रहेगी, तब तक इसका खतरा बना रहेगा। माना जा रहा है कि महीनेभर बाद ही वातावरण में ठंडकता लौटेगी और स्वाइन फ्लू का खतरा कम होने लगेगा।

चिकित्सकों के मुताबिक,  स्वाइन फ्लू के संक्रमण का मामला हर साल सामने आता है, मगर इस बार संख्या कुछ ज्यादा है और मौत के आंकड़े भी दर्जनभर हो चुके हैं। रायपुर जिले में इस संक्रमण की रोकथाम के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग की टीम काम कर रही है, जो संक्रमण की वजह जानने के लिए संक्रमितों से जानकारी ले रही है। सूत्रों के मुताबिक संक्रमित होने वालों में विभिन्न आयुवर्ग के लोग शामिल हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या अधिक है, जो नियमित कार्यों से घर से बाहर निकले और वापसी के दौरान संक्रमण लेकर अपने घर लौटे। रायपुर जिले में स्वाइन फ्लू की वजह से बीते आठ माह में दो लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में स्वाइन फ्लू के संक्रमितों का इलाज निजी अस्पताल के साथ एम्स और आंबेडकर अस्पताल में भी चल रहा है।

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फेफड़ों का संक्रमण

आंबेडकर अस्पताल के सीएमओ डॉ. विनय वर्मा के अनुसार,  एच1एन1 फ्लू को स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। इंफ्लूएंजा वायरस नाक, गले, फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है। वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। जब वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता है। इसकी वजह से शरीर में दर्द, थकान, कमजोरी, ठंड का अहसास पसीना आना, पेट दर्द, खांसी बुखार जैसी शिकायतें होती हैं। संक्रमित व्यक्ति इसका विस्तार दो से सात दिन तक कर सकता है।

 

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