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सुकमा के एक ग्रामीण मड़कम को उल्टी दस्त से तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचाना था। लेकिन रास्ते में पड़ने वाला नाला भर जाने की वजह से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। 

सुकमा।  बारिश में बस्तर के सुकमा जिले से भी अलग-अलग तस्वीर निकलकर सामने आई है, जहां एक ग्रामीण 28 वर्षीय मड़कम पोदीया को उल्टी दस्त से तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचाना था, लेकिन रास्ते में पड़ने वाला नाला भर जाने की वजह से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। इसके बाद एंबुलेंस के पायलट शेख अकबर ने ग्रामीणों तक खबर भिजवाई, फिर ग्रामीणों ने कई किलोमीटर पैदल चल मरीज को चारपाई के मदद से नाला पार कराया, तब जाकर एम्बुलेंस के जरिए बीमार मरीज को दोरनापाल अस्पताल लाया जा सका।

दहशत की वजह से नहीं हो पा रहा कार्य

पालामड़‌गु नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से आज तक रास्ते में पड़ने वाले नाले में पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि विभागीय सूत्र बताते हैं कि, कई दफा इस पुल का टेंडर भी निकल गया, लेकिन यहां डर की वजह से काम नहीं हो पाया। पुल के अलावा इस रास्ते में सड़क भी नहीं है, जिस वजह से इन इलाकों को पहुंच विहीन माना जाता है। बारिश के दिनों में यहां जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है, क्योंकि नदी नाले उफान पर होते हैं। इस वजह से रोजमर्रा की जरूरत के लिए जब ग्रामीणों को इस पर आना होता है, तो उन्हें जान भी जोखिम में डालना पड़ता है।
 

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