अंबिकापुर। हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने के मकसद से शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना की पूरे प्रदेश में हालत खराब है। ग्रामीण बस्तियों, पंचायत भवनों, अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों तक साफ पानी पहुंचाने और जल संरक्षण करने की योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही से तार-तार हो गई है। जगह-जगह टंकियां अधूरी हैं और जहां टंकियां बनी हैं, वहां पंप नहीं लगे हैं। अनेक बस्तियों में लगे नल पोस्ट तक पानी नहीं पहुंचा है। 2024 में यह योजना पूरी होनी थी। छत्तीसगढ़ में योजना के 80 फ़ीसदी कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है।
सिर्फ 22 गांवों में शुरू हुआ काम
सारंगढ़ जिला (सारंगढ़, सरिया, बरमकेला का हिस्सा भी) के 1407 गांव में पाइपलाइन बिछेगी। 3 लाख 40 हजार घरों में कनेक्शन सिर्फ 22 गांवों में ही अभी तक जल जीवन मिशन काम पूरा हुआ है। 1400 गांवों में काम होना है, जिसमें से 8 सौ गांवों में काम शुरु हो गया है, बाकी जगहों काम शुरु नहीं हो सका है। 1057 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट में खर्च होंगे, 2024 तक लोगों के हर घरों में पानी देना है। 890 टेंडर का वर्कऑर्डर जारी हुआ है। 862 काम काम जल्द शुरू कराने की तैयारी है।
ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई
रायगढ़ ईई पीएचई परीक्षित चौधरी ने बताया कि, 919 पंचायतों जल जीवन मिशन का काम चल रहा है। केंद्र शासन के द्वारा मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिन पंचायतों में काम रुका हुआ है, वहां ठेकेदारों पर दबाव बनाकर काम कराया जाएगा। इसके साथ काम नहीं करने वाले ठेकेदारों को अनुबंध के धाराओं के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मिशन के चबूतरे में लगा रहे सब्जी भाजी
जांजगीर-चांपा। जिले में जल जीवन मिशन का बुरा हाल है। कहीं टंकी से पानी सप्लाई नहीं हो रही है, तो कहीं बोरवेल फेल हो गए हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर अभी भरी बरसात में पाइप लाइन बिछाने का काम हो रहा है। बहेराडीह गांव में तो लोग जल जीवन मिशन के चबूतरा में सब्जी भाजी लगा रहे हैं। जिले में बहेराडीह एक ऐसा गांव है। जहाँ नल जल योजना के तहत घर घर दिए कनेक्शन से चार साल भी पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में यहां के लोग नल कनेक्शन के चबूतरे पर पानी भरकर सब्जी भाजी लगाकर उपयोग कर रहे हैं। कुछ लोग नर्सरी या अंजोला उत्पादन के काम में उपयोग ले रहे हैं। ग्राम बहेराडीह की पुष्पा यादव, रामबाई यादव और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जल जीवन मिशन के तहत लाखों रुपए खर्च करके पानी टंकी का निर्माण किया गया है, लेकिन यहाँ के लिए यह योजना पूरी तरह से फ्लॉप हो गई है। जल स्तर की बिना जांच किये लाखों रुपए की लागत से पानी टंकी निर्माण और घर घर नल कनेक्शन देने का काम किया गया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव के कुछेक लोग नल कनेक्शन चबूतरे का उपयोग सब्जी भाजी, नर्सरी और अंजोला उत्पादन के लिए करने लगे हैं। इसी तरह बलौदा ब्लाक के ही ग्राम पंचायत जाटा में पानी टंकी से लोगों को मुश्किल से सप्ताहभर ही पानी मिला। उसके बाद से यह बंद पड़ा है। ग्राम पंचायत सिवनी में तो जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम अभी बरसात में हो रहा है।
कई टंकी अधूरी, जहां टंकी है, वहां पंप नहीं
तखतपुर। तखतपुर विकासखंड की तीन पंचायतों में यह योजना अभी तक अधूरी हैं। बेलपान में पानी टंकी है पर पानी नहीं चढ़ता, बिना टोटी के नल लगे हुए हैं, ग्राम हरदी में पानी टंकी है पर टंकी में पानी चढ़ाने के लिए अभी तक पंप नहीं लगा है। वहीं पकरिया में पानी टंकी का निर्माण ही अधूरा पड़ा है। जिला मुख्यालय बिलासपुर से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर तखतपुर जनपद पंचायत की तीन ग्राम पंचायत बेलपान में दो साल पहले नल जल योजना अंतर्गत यहां पर पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। इसमें पानी चढ़ाने के लिए नलकूप खनन भी किया गया था पर इस नलकूप में कम एचपी की मोटर डलने के कारण टंकी पर पानी नही चढ़ता है और गांव में जिन स्थानों पर डायरेक्ट सप्लाई है वहां पर नल कनेक्शन कई जगह टूटे फुटे हैं और पानी बहता रहता है। वहीं कुछ घरों के नलों में टोटी भी नही लगी है। ग्राम पंचायत हरदी में नल जल योजना अंतर्गत लाखों रूपए की लागत से पानी टंकी का निर्माण तो कर लिया गया पर अब तक इस पानी टंकी को पानी का दर्शन भी नही हुआ है। यहां पर नलकूप तो कर लिया गया है पर एक साल से मोटर नहीं लगने के कारण यहां पानी ही नहीं चढ़ता। गांव में अब तक किसी भी घर में इस पानी टंकी से एक बूंद पानी की भी इस सरकारी योजना से घरों तक नहीं पहुंचा है। ग्राम पकरिया में तो पानी टंकी का आधा अधूरा निर्माण ही इस योजना का माखौल उड़ाने के लिए खड़ा ढांचा ही काफी है जो यह बताता है कि जिन गांवों में टंकी बन गई है वहां पानी नहीं पहुंच रहा है तो यहा आधे अधूरे टंकी निर्माण इस योजना की हकीकत बयां कर रहे हैं।
आसपास कोई घर नहीं, फिर भी लगे नल पोस्ट
बैकुंठपुर। कोरिया जिले में जल जीवन मिशन का हाल बेहाल है। कई ग्राम पंचायतों में समय-सीमा में कार्य ही पूरे नहीं हुए हैं, इसके कारण ग्रामीण परिवारों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है। घरों के सामने नल के पोस्ट लगा दिए गए हैं, जो शो पीस बना हुए हैं। कुछ नल पोस्ट वहां लगा दिए गए हैं, जहां पर कोई घर ही नहीं है। वहां से 100 मीटर की दूरी पर कोई परिवार नहीं रहता। कोरिया जिले के जनपद पंचायत बैकुंठपुर अंतर्गत ग्राम टेंगनी के मुख्यमार्ग पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां मुख्य सड़क किनारे सूनसान जगह पर जल जीवन मिशन के नल के पोस्ट स्थापित कर दिए हैं। इसमें भी खास बात तो यह है कि जिस जगह पर जल जीवन मिशन के नल पोस्ट स्थापित किए गए हैं, वहीं पर पहले से ही एक हैंडपंप स्थापित है।
नल पोस्ट में बांध रहे गाय-बकरी
गांव-गांव में पानी पहुंचाने के लिए नल के पोस्ट लगाए गए हैं, लेकिन उसमें पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई है, इसके कारण कई ग्रामीण परिवार घर के सामने स्थापित नल पोस्ट में गाय, बकरी बांध रहे हैं।
कसरा की पानी टंकी बनी शोपीस
पंचायत क्षेत्रों में लाखों खर्च कर पानी टंकी का निर्माण कार्य कराया गया, लेकिन उसमें पानी भरने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं पाइप लाइन विस्तार कार्य भी आधा-अधूरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार के घर के सामने जल जीवन मिशन योजना के नल के पोस्ट जरूर लगाए गए हैं, वह केवल शो पीस बनकर रह गया है। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित ग्राम कसरा में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन विस्तार एवं घरेलू कनेक्शन संबंधित कार्य 54-48 लाख रूपए स्वीकृत किए गए। इतनी रकम खर्च करने के बाद भी अब तक ग्राम कसरा में जल जीवन मिशन के कार्य पूरे नहीं हो पाए हैं। इसके कारण ग्राम कसरा के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
तीन साल बाद भी 70 फीसदी निर्माण अधूरे
सरगुजा में जल जीवन मिशन का बुरा हाल है। सरगुजा संभाग में मिशन अंतर्गत 3137 ग्रामों में पानी टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन विस्तार की स्वीकृति प्रदान की गई है लेकिन तीन साल का समय गुजरने के बावजूद 30 फीसदी गांवों में ही योजना का निर्माण पूरा हो सका है। योजनान्तर्गत सरगुजा में 551 गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने पानी टंकी एवं पाइप लाइन विस्तार की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें से अभी भी 65 फीसदी टंकिया निर्माणाधीन हैं। इसी तरह बलरामपुर जिले के 536 ग्रामों में स्वीकृत योजना की टंकियों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। क्षेत्र के 19 गांवों में अभी पानी टंकियों का निर्माण शुरू भी नहीं हो सका है। सूरजपुर जिलान्तर्गत 543 गांवों में से 542 में पानी टंकियों का निर्माण अभी भी चल रहा है। एक गांव में अभी योजना की नींव भी नहीं रखी गई है। जिन गांवों में पानी टंकी एवं पाइप लाइन विस्तार का कार्य पूरा हो गया है वहां भी अभी तक पानी की आपूर्ति प्रारम्भ नहीं हो सकी है। इस संबंध में पीएचई के कार्यपालन यंत्री एसपी मंडावी ने बताया कि विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के व्यस्त रहने के कारण निर्माण पर विपरित प्रभाव पड़ा है तथा अधिकांश योजनाएं अब तक पूर्ण नहीं हो सकी है तथा अधिकांश योजनाएं अब तक पूर्ण नहीं हो सकी है। अब निर्माण तेजी से कराया जा रहा है।
गांवों तक नहीं पहुंचा पानी
जशपुरनगर । जिला मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत गम्हरिया और उसके आश्रित 8 गांवो में आज भी पीने का स्वच्छ पानी एक सपने जैसा ही है। गम्हरिया ग्राम पंचायत के आश्रित गांव डोरकाचौरा, प्रेमनगर, गम्हारिया, दमगरा, जोहनीडांड, गाड़ागम्हारिया, पंडरीपनी, धुकाटोली में आज तक जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों कहना है कि कुछ घरों में पाइप बिछा कर प्लेटफार्म तो बना दिया गया है लेकिन पानी का दर्शन नहीं हो पाया है। अब तो प्लेटफार्म भी टूटने लगे हैं। ठेकेदार द्वारा काम रोक दिया गया है। गम्हरिया के सरपंच विलियम कुजूर का कहना कि इस बाबत कई बार उच्च अधिकारियों से बात करने कीकोशिश की गई लेकिन अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं कि जल्दी ही पानी मिलने। न काम शुरू हुआ और न ही आज तक पानी ही मिल पाया है।
दो साल तक योजना में सुस्ती पंचायतों में काम अधूरा
जल जीवन मिशन के तहत जिले की 919 ग्राम पंचायत में टंकी का निर्माण कर हर घर में पाइपलाइन से शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना 2020-21 में शुरू हुई। दो साल तक योजना में सुस्ती रही। टेंडर व विभिन्न प्रक्रिया में आधा समय निकल गया। 919 ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू कराया गया। ढाई साल में अब तक 120 ग्राम पंचायतों में योजना शुरू हुई है। 797 ग्राम पंचायतों में निर्माण चल रहा है। काम के समय पर पूरा होने को लेकर संशय इसलिए है क्योंकि एक ठेकेदार को कई ग्राम पंचायतों को काम दिया है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन कहीं टंकी का निर्माण नहीं हुआ तो कहीं कनेक्शन नहीं हो सका है। इस वजह केंद्र सरकार की योजना अधर में लटकती नजर आ रही है। एक ठेकेदार ने बताया कि भुगतान व मजदूर नहीं मिलने के कारण अधिकांश काम अधूरा है। जिले के 919 पंचायत गांव में पाइपलाइन बिछाई जानी है। इसमें कुल 1350 योजनाओं में 1348 कार्य योजना प्रारंभ हो चुकी है। दो लाख 39 हजार 364 घरों में कनेक्शन दिया जाना है। अब तक 23 हजार 700 घरों में कनेक्शन पूरा हो चुका है। वहीं 2 लाख 15 हजार 664 घरों में कनेक्शन दिया जाना है। वर्तमान स्थिति में 120 पंचायतों में काम पूरा हो चुका है। शेष बचे पंचायतों के निर्माण करने वाले ठेकेदार मनमानी कर कहीं काम अधूरा छोड़ा है तो कहीं पाइपलाइन बिछाए जाने के बाद भी कनेक्शन नहीं हुआ है।
भूपेश सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई योजना
भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी योजना है। यह योजना छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार के समय फिसड्डी साबित हुई और पूरी तरह से !भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जिसके कारण गरीबों के घरों तक पानी नहीं पहुंच सका। अब भाजपा की सरकार में इस योजना पर तेजी से काम किया जाएगा।