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छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सबसे प्रमुख व्रतों में से एक है तीज। तीज के दिन मायके जाकर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत के पहले दिन करेले की सब्जी के साथ भात यानी चावल खाने की परंपरा है। विधायक रिकेश सेन इसी रस्म को अपने क्षेत्र में निभाते हैं।  

रायपुर-दुर्ग। तीजा व्रत रखने वाली महिलाएं व्रत शुरू करने से पहले करूभात खाती हैं। लाखों की तादाद में उपासक महिलाओं की जरूरत ने बुधवार को करेला के भाव को आसमान पर पहुंचा दिया। इसी को ध्यान में रखकर दुर्ग जिले में वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रिकेश सेन ने अपने क्षेत्र की तिजहारिनों में करेला बांटा। तीजा ब्रत रखने वाली तिजाहारिन महिलाओं के बीच पहुँचेर भी विधायक ने अपने हाथों से करेला बांटा। रिकेश सेन ने इसके अलावा क्षेत्र की महिलाओं से ये अपील की कि, मैं जहां तक नहीं पहुंच पा रहा हूं, उस क्षेत्र की भी महिलाएं मेरे आफिस में आकर करेला ले जा सकती हैं। 

इधर प्रदेश की राजधानी रायपुर के शास्त्री मार्केट, टिकरापारा मार्केट में सुबह से शाम तक करेले की भारी मांग के कारण दुकानदारों ने 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक की दर पर बेचा। इसके बाद भी खरीदने वालों की मांग बनी रही। तीज के लिए खरीदी के कारण हर साल की तरह इस बार भी बाजार में रौनक रही। इसे मनाने के लिए बेटियों और बहनों को मायके बुलाने का दौर भी सप्ताहभर पहले से शुरू हो चुका है। गुरुवार को करू-भात खाने के बाद तिजहारिनों का जहां व्रत शुरू होगा। वहीं इसके पहले शास्त्री मार्केट में करेला खरीदने के लिए लोगों की आवाजाही रही। लोगों की जरूरत को देखते हुए फुटकर सब्जी बेचने वालों ने इसकी खेप भी पर्याप्त रखी थी। 

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40 से 60 रुपए पाव बिका करेला

टिकरापारा में सब्जी बेचने वाले तरुण साहू ने बताया कि, 40 रुपए व 60 रुपए पाव में करेला बिकने के बाद भी लोगों ने एक पाव-आधा किलो ही सही मगर जो भी दुकान तक पहुंचा, उनकी पहली मांग करेले की रही। वहीं तरुण मार्केट के अजीज खान ने. बताया कि त्योहारी सीजन में बाहर से आने वाली सब्जी की खेप कम हो जाती है। इससे बाजार में मांग बढ़ने से रेट में ज्यादा अंतर देखा जा रहा है।

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गुरुवार को खाएंगी करूभात

तीज व्रत की शुरुआत गुरुवार को करूभात से होगी। तीजा उपवास के एक दिन पहले महिलाएं भात के साथ करेले की सब्जी खाती हैं, जिसे करू भात कहा जाता है। पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है, क्योंकि करूभात खाने से निर्जला व्रत . करने वाली सुहागिनों को प्यास कम लगती है। व्रत के दौरान पूजन में कई सामग्री की जरूरत होती है।

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