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शहर के हर गली-मोहल्लों में ठंड में कुत्तों का झुंड सक्रिय हो गया है और लोगों पर लगातार हमले में भी कर रहा है। इनकी रोकथाम के लिए सालों से योजना बनाने वाले नगर निगम (Municipal Corporatio)के अधिकारी केवल विभिन्न तरह के दावे कर रहे हैं

रायपुर। ठंड के मौसम में राजधानी में एक बार फिर आवारा कुत्तों का आतंक (Terror of dogs) बढ़ गया है। चार दिन पहले ढाई साल की बच्ची पर हमला (attacking)करने के बाद वरिष्ठ चिकित्सक को कुत्तों ने नोच लिया। कटोरा तालाब में कार से उतरते ही कुत्तों ने उन्हें घेर लिया। आसपास के लोगों ने उनका बचाव किया, लेकिन तब तक एक कुत्ते ने उन्हें नोच लिया था। शहर के हर गली-मोहल्लों में ठंड में कुत्तों का झुंड सक्रिय हो गया है और लोगों पर लगातार हमले में भी कर रहा है। इनकी रोकथाम के लिए सालों से योजना बनाने वाले नगर निगम (Municipal Corporatio)के अधिकारी केवल विभिन्न तरह के दावे कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर ...

शुक्रवार को रायपुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ पैथॉलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल इनका शिकार हो गए। वे किसी कार्य के चलते कटोरा तालाब गए हुए थे, जहां कार से उतरने के बाद कुत्तों ने उन्हें घेर लिया। बिना हड़बड़ाए वे आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे थे, इसी बीच एक कुत्ते ने उन्हें काट लिया। मामला गंभीर हो सकता था, मगर आसपास के लोगों की नजर पड़ गई और उन्होंने कुत्तों को किसी तरह हकाल दिया और डॉक्टर को बचाया।

अस्पतालों में हर दिन 30 से 40 मामले

चार दिन पहले इसी तरह आवारा कुत्तों के झुंड ने एक ढाई साल की बच्ची को अपना शिकार बना लिया था। आंबेडकर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में डॉग बाइट के रोजाना 30 से 40 मामले आ रहे हैं। नगर निगम कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने बधियाकरण के दावे तो करता है, मगर शहर में इनकी संख्या देखकर अभियान की असलियत सामने आ जाती है।

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