कोरबा। जरा सोचिये.... जिसे डॉक्टर मुर्दा करार दे-दें वह अचानक जिंदा हो जाय... जी हां... ऐसा ही एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक वृद्धा को डॉक्टरों ने अस्पताल में मृत घोषित कर दिया। परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए अपने गांव ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में वृद्धा जिंदा हो गई। महिला को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, लेकिन लोग अब इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं।
दरअसल, बिहार की रहने वाली 72 वर्षीय महिला का छत्तीसगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। जब परिजन उसका दाह संस्कार करने के लिए बेगूसराय ले जा रहे थे तो वह बिहार पहुंचते ही जिंदा हो गई। फिलहाल महिला का इलाज बेगूसराय के सदर अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है।
रास्ते में चलने लगीं सांसें
इस पूरे मामले में डॉक्टर का कहना है कि, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। हार्ट ब्लॉक होने की वजह से सांस रुकने पर छत्तीसगढ़ में मृत घोषित किया गया होगा। लेकिन चारपहिया वाहन से लाने के दौरान रास्ते में जर्क से सीपीआर की वजह से फिर सांस चलने लगी है। फिलहाल महिला की स्थिति ठीक है और सदर अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है।
कोरबा के निजी अस्पताल में थी भर्ती
मिली जानकारी के अनुसार, बेगूसराय जिले के नीमा चांदपुरा थाना इलाके की निवासी रामरती देवी (72) अपने पुत्र के पास छत्तीसगढ़ के कोरबा में रह रही थी। बीते रविवार को रामरती देवी की तबीयत अचानक बिगड़ी तो उसे कोरबा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान वहां के डॉक्टर ने रामरती देवी को मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत के बाद परिजन उसे स्कार्पियो वाहन से अपने गांव बेगूसराय के लिए चल पड़े। रास्ते में औरंगाबाद के आसपास जब महिला के पुत्र मुरारी ने मां के शव को एक बार फिर हाथ लगाया तो शरीर में कुछ हलचल महसूस हुई।