Logo
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में शुक्रवार को बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विवि में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।

रायपुर। ऑटोनॉमस महाविद्यालयों के बाद अब प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों और उनसे संबंद्ध महाविद्यालयों में जुलाई से चार वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम प्रारंभ हो जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है। इसके पहले इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में केवल ऑटोनॉमस महाविद्यालयों में ही अपनाया गया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में शुक्रवार को बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विवि में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।

इसमें प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। केंद्रीय विवि में पहले से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू है। ऐसे में इसे मॉडल के रूप में दिखाने और इससे जुड़ी चीजों को बारीकी से समझाने के लिए बैठक यहां आयोजित की गई थी। नीतियों पर आवश्यक चचर्चा के अलावा वर्कशॉप भी यहां रखी गई। इसमें विशेषज्ञों तथा संबंधित अधिकारियों ने विस्तार से पूरी जानकारी दी।

वार्षिक परीक्षांए अब नहीं

 बैठक के बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर दिया गया। इसमें संपूर्ण  छतीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की बात कही गई है। एनईपी को लागू करने के लिए खास तस्क फोर्स बनाई गई है। कुलपतियों के नेतृत्व में ये टास्क फोर्स काम कर रही है। वाए पाठ्यक्रम के लिए ड्राफ्टिंग सहित अन्य कार्य हो रहे हैं। प्राचायों की भी टीम बनाई गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब स्नातक पाठ्यक्रम में वार्षिक परीक्षाओं की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। परीक्षाएं सेमेस्टर प्रणाली पर होगी। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पहले से ही सेमेस्टर पद्धति लागू है। इसी तर्ज पर अब स्नातक की परीक्षाएं भी होंगी। इससे जुड़े अन्य नियमों को भी सत्र प्रारंभ होने के पूर्व अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

तीन साल में कर सकेंगे एग्जिट

छात्रों को चार सालों तक ग्रेजुएशन करने की बाध्यता नहीं रहेगी। छात्र एक, दो अथवा तीन साल में भी एग्जिट कर सकते हैं। वर्ष के अधार पर छात्रों को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा अथवा डिग्री दी जाएगी। जो छात्र चार सालों का स्नातक पाठ्यक्रम पूर्ण करेंगे, उन्हें पीजी की डिग्री एक वर्ष में ही मिल जाएगी।

ड्राफ्टिंग हो रही

दुर्ग विवि कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने बताया कि,  राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने ड्राफ्टिंग हो रही हैं। वर्कशॉप में एनईपी से संबंधित जानकारी प्रदान की गई है।

5379487