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प्राचीन काल में मकेश्वर महादेव मंदिर के आसपास नागों का बसेरा था, जिसके कारण महादेव लंबे समय तक एकांतवास में थे।

धमतरी। शहर के ह्दय स्थल घड़ी चौक में आठ सौ साल पुराना मकेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। मकेश्वर महादेव के नाम से ही इस चौक का नाम मकई चौक पड़ा। धमतरी उस समय छोटा सा गांव हुआ करता था। मंदिर की देखरेख करने वाले भक्तजन गोमती चौबे, सरिता यादव, पिंटू यादव, गोपाल कटारिया, करण पांडे आदि ने बताया कि, मंदिर अभी भी मूल स्वरूप में है। जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। अभी तक इस मंदिर के लिए ट्रस्ट का निर्माण नहीं हुआ है। 

भक्तजन ही देखरेख करते हैं। मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू हैं। तालाब भी इसी के नाम से है। बताते हैं कि प्राचीन काल में इस मंदिर के आसपास नागों का बसेरा था, जिसके कारण महादेव लंबे समय तक एकांतवास में थे। फिर धीरे- धीरे लोग आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा पाठ के लिए आने लगे। स्थानीय निवासी गोमती चौबे ने बताया कि वे पिछले 25 साल से मकेश्वर महादेव की सेवा में जुटी हैं।

विशालकाय घंटा से निकलती है प्रतिध्वनि

मंदिर में लगा विशालकाय घंटा काफी वजनी है। अनुमान से पता चलता है कि इसका वजन 20 से 25 किलो होगा। घंटा बजाने से ओम नमः शिवाय की प्रति ध्वनि निकलती है। घंटा में अंकित संवत 1665 के अनुसार यह 416 साल पुराना लग रहा है। जबकि मंदिर 800 साल पुराना है।

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