रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर पुलिस ने गुंडे और बदमाशों के फाइनेंसर माने जाने वाले रोहित तोमर और उसके साथियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। तोमर बदर्स के ब्याज में दिए पैसों का हिसाब, वसूली और मारपीट करने में साथ देने वाले जय कुमार बदलनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाश का नाम वेदप्रकाश सिंह उर्फ योगेश सिंह बताया गया है।
बताया जाता है कि, तोमर ब्रदर्स पहले तो पैसे सूद के तौर पर देते और फिर उनके ब्याज का गणित ऐसे घूमता कि, वह पैसा दस गुना और बीस गुना हो जाता। उसके बाद फिर चालू होता है इनके गुंडई का खेल। ये फिर अपने बदमाशों के साथ जाकर उनसे मारपीट करते और उनकी बेइज्जती करते। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद लगता है कि, इनके गुंडई के किले पर मानो अब सेंध लग रही है। लोग इनकी करतूतों को लेकर थाने का रुख करने लगे हैं।
ज्वेलर ने पुलिस को बताई आपबीती
शुक्रवार को प्रार्थी जय कुमार बदलनी ने सिटी कोतवाली थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि, बदमाश रोहित सिंह तोमर और रूबी तोमर से अपने ज्वेलरी दुकान में पैसे की कमी होने से 5 लाख रूपये ब्याज में कर्ज के तौर पर लिया था। जिसका 1,75,000 रुपए उन्होंने तत्काल ब्याज के तौर पर जमा कर दिया और बाकी 3,25,000/ रुपए किस्तों में दिया। लेकिन तब तोमर भाई उसकी दुकान में आते और 5000 ले जाते। जिसका हिसाब करने कहने पर अभी और पैसा है ऐसा कहकर चले जाते थे। तोमर भाई इतने शातिर थे कि, वे सोना खरीदने उसकी दुकान में आते कुछ रकम देकर बाकी हिसाब में जोड़ देना कह कर चले जाते थे।
5 लाख के बदले 2 करोड़ 5 लाख रुपये मांगे
प्रार्थी द्वारा लगातार कहने पर उन्होंने जब हिसाब किया तो उसके होश उड़ गए। बदमाश तोमर भाइयों ने 2 करोड़ 5 लाख रूपये उसे देने के लिए कहा। साथ ही पैसा नहीं देने पर उनके बेटे को जान से मारने की धमकी देने लगे। तब जाकर थक-हारकर उसने मामले की रिपोर्ट सिटी कोतवाली थाने में दर्ज कराई। व्यापारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध 215/19 धारा 384, 327, 506बी, 34 भा.द.वि. मामला पंजीबद्ध कर लिया। पीड़ित की शिकायत पर बदमाश रोहित सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह तोमर, रोहित उर्फ रूबी सिंह तोमर, कमल नारायण कुर्रे, विनोद चौरसिया और आर्यन उर्फ संतोष हबलानी को विधिवत गिरफ्तार कर कर लिया गया है। वहीं इस मामले में फरार आरोपी वेद प्रकाश सिंहा फरार होने में कामयाब रहा था। जिसका 173(8) जा.फौ. में विवेचना किया जा रहा था।
4 लाख की जगह वसूले 7 लाख
तोमर भाइयों के सूदखोरी के साम्राज्य का एक और वाकया सामने आया है। जहां एक और व्यापारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि, बदमाश रोहित सिंह तोमर, रूबी सिंह तोमर और वेद प्रकाश सिंह उससे जबरन पैसे मांगते हैं। साथ ही वे उसे अश्लील गाली देकर मारपीट करते हैं और उसे जान से मारने की धमकी देते हैं। जिसकी रिपोर्ट उसने थाने में दर्ज कराई, पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने 216/19 धारा 384 327 294 323 506बी, 34 भा. द. वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इस मामले में प्रार्थिया के पति हरीश कच्छुवा द्वारा ज्वेलर्स दुकान में पैसे की कमी होने से 3,50,000/ रुपए कर्ज के तौर पर लिया था। जिसका भुगतान उनके द्वारा किस्तों में 4 लाख रूपये कर दिया। लेकिन तब भी रोहित तोमर, रूबी तोमर और वेद प्रकाश सिंहा पैसा बाकी है कहकर धमकी देकर वसूली करते थे। 7 लाख रूपये जबरन ऐंठने के बाद भी वे कहते कि, पैसा और बाकि है। बदमाश आये दिन उसकी दुकान में आकर धमकी देकर विवाद करते थे।
घर में आकर करते थे मारपीट और गाली-गलौच
कर्ज देते समय बदमाशों ने पीड़ित से चेक और एग्रीमेंट कराया था और अब ये उसको भी वापस नहीं कर रहे थे। जिसके कारण प्रार्थिया के पति हरीश ने अपने ज्वेलर्स दुकान को बंद कर दिया। उसके बाद भी रोहित तोमर, रूबी तोमर और वेद प्रकाश सिंहा उनके घर आते और जबरन वसूली करते थे। जिसके बाद इस मामले में विवेचना दौरान आरोपी रोहित सिंह तोमर और रूबी सिंह तोमर को विधिवत गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लिया गया। लेकिन वेद प्रकाश सिंहा लगातार 5 वर्षों से प्रकरण में फरार चल रहा था जिसका 173(8) जा. फौ. के तहत अपराध विवेचना किया जा रहा था। पतासाजी के दौरान पता चला कि, वेद प्रकाश सिंहा साई विला भाटागांव रायपुर में है. जिसे संभावित स्थान मिलने पर प्रकरण के संबंध में विस्तृत पूछताछ किया गया जिसमें आरोपी द्वारा अपराध कबूल करने पर विधिवत गिरफ्तार किया गया एवं न्यायिक रिमांड पर न्यायालय में पेश किया गया है।
हाईपर क्लब केस में पुलिस निकाल चुकी है जुलूस
हाईपर क्लब के बाहर फसाद करने वाले आदतन बदमाश रोहित तोमर का बड़ा भाई फिर से शहर के बड़े नेता के घर मंडराने लगा है। दरबारियों की मानें तो इस वारदात से चंद रोज पहले ही उसे नेताजी का आशीर्वाद भी मिल गया था। तो क्या यह माना जाए कि, रोहित तोमर के हौसले उसी आशीर्वाद के चलते फिर से बुलंद हो गए? अब अगर इस बदमाश पर कड़ी कार्रवाई जैसे कि, जिला बदर करना, घर पर अवैध निर्माण को बुलडोजर से ढहाना आदि नहीं हुई.. तो राजधानीवासी यह मान लेंगे कि, सरकार बदली पर कल्चर नहीं बदला। हालांकि सरकार ने देर से ही सही, लेकिन जिस हिसाब से IPS अफसरों की पोस्टिंग की, उससे ऐसा लगा जरूर था कि, सरकार पुलिसिंग पर जोर देकर अपराधियों पर नकेल सकने की मंशा दिखा रही है। लेकिन मंशा रखने भर से सब कुछ ठीक नहीं हो जाता, सरकार में बड़े पदों पर बैठे लोगों को यह भी देखना होगा कि, उनके अपने बीच से कौन लोग इस मंशा पर पानी फेरने की कोशिशों में लगे हैं।
सवाल अब भी वही...
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान गुंडे-बदमाशों के हौसले बुलंद रहे। वजह थी पुलिसिंग का अभाव। कहा तो यह भी जाता रहा कि, पुलिस के हाथ बंधे हुए थे। किसने बांध रखे थे? यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह जनचर्चा का विषय बन गया था कि, पुलिस अपना काम छोड़कर बाकी सब कर रही है। अब सवाल यह उठता है कि, क्या सरकार बदलने के बाद वह गलत परंपरा बदलेगी। क्या गुंडे-बदमाशों के सिर पर से मंत्रियों, विधायकों का हाथ हट जाएगा। क्या थानों में मंत्री बंगले से बोल रहा हूं, टीआई साब... विधायक महोदय बात करेंगे... जैसे फोन आना बंद होंगे। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि जनचर्चा फिर से शुरू हो गई है।