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सड़क पर ले रहे थे ट्रायल, अब कंप्यूटर से हो रही है परीक्षा। अब लर्निंग लायसेंस के बाद स्थाई लायसेंस के लिए जाना पड़ रहा आरटीओ कार्यालय। सरगीपाल में बनना था संभाग का पहला स्वचालित ड्राइविंग ट्रैक। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बसतर में वाहन चालकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। परिवहन विभाग बिना ट्रायल के ही चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस दे रहा है। वाहन चलाना नहीं आता, फिर भी कंप्यूटर में परीक्षा देकर लायसेंस ले रहे हैं। यही कारण है वाहन दुर्घटनाएं आए दिन हो रही हैं। 

संभागीय मुख्यालय से लगभग 7-8 किमी दूर सरगीपाल में संभाग का पहला स्वचालित ड्राइविंग ट्रैक वर्षों से बनना था जो वर्तमान में ठंडे बस्ते में चला गया। लगभग 3 वर्ष पूर्व आड़ावाल स्थित आरटीओ कार्यालय के निकट स्थित सड़क में लायसेंस के लिए चालकों का ट्रायल करते थे, पर वर्तमान में ड्राइविंग ट्रैक के अभाव में कार्यालय में ही कंप्यूटर से चालकों ट्रायल कर रहे हैं। इस तरह से तीन सालों में विभाग ने लगभग 9000 चालकों को ड्रायविंग लायसेंस बनाकर जिंदगी से खिलवाड़ किया। बताया जा रहा है कि कई चालक तो बिना ट्रायल के ही एजेंट के माध्यम से परिवहन सुविधा केन्द्र में ही लाइसेंस बनवा रहे हैं। स्थाई लायसेंस के लिए चालकों को आरटीओ कार्यालय जाना पड़ता है, इस तरह से ड्राइविंग लाइसेंस ट्रायल दिए बिना ही चालकों को मिल रहे हैं। 

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इसी जगह बनना था ट्रैक

ट्रैक के लिए दो बार चयनित हुई भूमि

परिवहन कार्यालय के निकट स्थित 5 वर्ष पूर्व 5 एकड़ जमीन तय किया गया था, जिससे राजस्व विभाग ने आबंटन किया था। इस जमीन पर ग्राम पंचायत आड़ावाल की ओर से जिला प्रशासन एवं राजस्व विभाग से खेल मैदान के लिए आबंटित कर लिया। उसके बाद परिवहन विभाग के पास ड्रायविंग ट्रैक के लिए जमीन ढूंढा, तो आड़ावाल से लगभग 7 किमी ग्राम सरगीपाल में भूमि मिली जिसे राजस्व से आबंटित किया। जहां ट्रेक का टेंडर भी हुआ पर ठेकेदार की मनमानी से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।

108 चालकों का लायसेंस किया निलंबित

बताया जा रहा है कि पुलिस एवं ट्रॉफिक की ओर से वाहन दुर्घटनाओं और नियमों के खिलाफ वाहन चला रहे 108 चालकों के लाइसेंस को आरटीओ ने निलंबित किया। इस पर परिवहन विभाग के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के कर्मचारी ने ऐसे चालकों को नोटिस देने में मशक्कत कर रहे हैं, बताया जा रहा हैं कि अधिकांश चालकों लायसेंस बस्तर जिले के बाहर और दूसरे राज्यों जैसे भिंड मुरैना, पंजाब, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश आदि के हैं। तीन महीने के बाद नए सिरे से चालान का भुगतान के बाद पुलिस थानों से इन वाहन चालकों को उनके लाइसेंस वापस मिल सकेंगे।

ट्रैक के अभाव से कंप्यूटर पर ले रहे परीक्षा

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डीसी बंजारे ने इस संबंध में बताया कि ग्राम सरगीपाल में संभाग का पहला ड्राइविंग टेक बनेगा, इसके लिए एजेंसी तय हो गई। ठेकेदार की मनमानी के चलते अब तक ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण कार्य नहीं हो सका, इसके लिए ठेकेदार को निर्देश दिया गया कि शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू करें। ट्रैक नहीं होने से कंप्यूटर में चालकों की परीक्षा लेकर लायसेंस दिया जा रहा है। 

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