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19 जुलाई को हरिभूमि ने दफ्तरों की पड़ताल की। आधे से ज्यादा गायब मिले। कई जिलों में पूरे ही गायब थे। 

रायपुर/दुर्ग/ जगदलपुर / राजनांदगांव।  तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शासकीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी थी। सप्ताह में रविवार के बाद शनिवार को भी अवकाश घोषित किया है। तर्क था कि इससे कर्मचारियों और अधिकारियों की काम करने की क्षमता बढ़ेगी और वे परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिता सकेंगे। हालांकि शनिवार को अवकाश इस शर्त पर दिया गया कि सभी शासकीय कर्मचारी सप्ताह के 5 दिन तक हर रोज एक घंटा अतिरिक्त ड्यूटी करेंगे। इस आदेश के तहत ड्यूटी टाइम भी सुबह 10 से शाम 5.30 किया गया है। लेकिन हो उल्टा रहा है। ज्यादातर कर्मचारी और अधिकारी सुबह 11 बजे के बाद दफ्तर पहुंचते हैं। शुक्रवार को आधे समय के बाद दफ्तरों से निकल जाते हैं और उसके बाद आधा दिन शुक्रवार, पूरा दिन शनिवार उसके बाद रविवार का आनंद लेते हैं। 

इस पर गिफ्ट यह है कि, दूरदराज से आकर नौकरी करने वाले सोमवार को भी आधे दिन बाद आफिस आते हैं। इस तरह वे सप्ताह में तीन दिन का अवकाश ले रहे हैं। इससे जनता परेशान है और सिस्टम बदलने की मांग उठने लगी है। लोगों की लगातार शिकायत के बाद हरिभूमि आईएनएच ने दफ्तरों में कर्मचारियों के समय पर न आने की खबरें कीं। खबर प्रकाशित और प्रसारित होने के बाद कुछ दिन प्रशासन ने सख्ती की उसके बाद फिर वही...। इस बार लोगों की शिकायत मिली कि कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन तक का अवकाश मना रहे हैं। हरिभूमि की टीम ने शुक्रवार को लंच टाइम के बाद कलेक्टोरेट के विभिन्न विभागों के दफ्तरों की पड़ताल की। इस दौरान कई दफ्तरों से अधिकारी गायब मिले, वहीं कहीं-कहीं कर्मचारी भी अनुपस्थित मिले।

गायब होने के कई बहाने, वापस आएंगे या नहीं इसकी जानकारी कर्मचारियों को भी नहीं 

बीते शुक्रवार यानी 19 जुलाई को हरिभूमि ने दफ्तरों की पड़ताल की। आधे से ज्यादा गायब मिले। कई जिलों में पूरे ही गायब थे। सभी दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों से गायब अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि कोई लंच पर गया हुआ है, तो कोई दफ्तर के काम से मंत्रालय तो कोई फील्ड पर गया है। इस पूछताछ में कर्मचारी यह बता नहीं पाए कि अधिकारी वापस दफ्तर आएंगे या नहीं। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने इसकी संभावना जरूर जताई।

रायपुर के दफ्तरों में गायब मिले अधिकारियों के साथ कुछ कर्मचारी 

टीम की पड़ताल के दौरान आबकारी विभाग, समग्र शिक्षा विभाग, मनरेगा, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग, जनसूचना अधिकारी जिला पंचायत आदि दफ्तरों में अधिकारी अनुपस्थित मिले। इनमें ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अलावा राजस्व विभाग के कुछ विभाग दफ्तर से कुछ कर्मचारी अनुपस्थित मिले। कलेक्टोरेट के विभिन्न विभागों में पदस्थ कुछ कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शनिवार की छुट्टी के कारण कई अधिकारी-कर्मचारी शुक्रवार को हाफ टाइम में ही गायब हो जाते हैं।

बॉयोमेट्रिक सिस्टम नहीं होने का उठा रहे फायदा

कलेक्टोरेट के किसी भी विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों के ड्यूटी पर आने-जाने की एंट्री के लिए बॉयोमेट्रिक सिस्टम नहीं लगा है, जिसका फायदा विलंब से आने और हाफ ड्यूटी कर गायब होने वाले अधिकारी-कर्मचारी उठा रहे हैं। सभी कर्मचारी रजिस्टर में एंट्री करते हैं। यह रजिस्टर भी सभी विभागों के दफ्तरों में रहता है, जिसमें मनमाने समय पर एंट्री की जाती है। बताया जा रहा है कि करीब 8-10 साल पहले बॉयोमेट्रिक सिस्टम यहां लगाया गया था, लेकिन दो महीने के भीतर ही वह खराब हो गया, जिसके बाद से बॉयोमेट्रिक सिस्टम ही नहीं लगाया गया।

दुर्ग में भी शुक्रवार को हाफ डे की मनमानी

हरिभूमि ने दुर्ग जिला मुख्यालय के आधा दर्जन विभागों की पड़ताल की, तो दफ्तरों में सन्नाटा पसरा पाया गया। शुक्रवार को भू-अभिलेख शाखा में दोपहर ढाई बजे टेबल पर एक भी कर्मचारी नहीं था। बड़े अधिकारी के आलावा बाबू भी दफ्तर से गायब पाए गए। इसी तरह कलेक्टोरेट शाखा के अफसर जहां एडीएम बैठते हैं, वहां दूसरे कमरे में एक भी बाबू दोपहर ढाई बजे नहीं दिखा। इसके अलावा खाद्य विभाग, कृषि विभाग, आरईएस में भी सन्नाटा पसरा रहा। यहां तक कि यहां विभाग प्रमुख कहां गए हैं, इसकी भी जानकारी किसी को नहीं थी। विभाग में रोस्टर चार्टर में भी दौरे का कोई उल्लेख नहीं पाया गया। इसी तरह जिला पंचायत और जनपदों में भी इसी तरह के हालात निर्मित रहे।

राजनांदगांव में भी लंच के बाद कामकाज पर ब्रेक

राजनांदगांव के सरकारी दफ्तरों में शनिवार और रविवार को मिलने वाली छुट्टी से कामकाज प्रभावित होता दिखाई दे रहा है। दो दिनों की छुट्टी का असर शुक्रवार से ही नजर आने लगता है। शुक्रवार को भोजन अवकाश के बाद शासकीय दफ्तरों की अधिकतर कुर्सियां खाली नजर आती हैं और दो दिन का अवकाश अघोषित रूप से ढाई दिनों का हो चला है, जिसकी वजह से इसका असर कामकाज पर दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को लंच ब्रेक के बाद काम-काज पर भी ब्रेक लग रहा है। शासकीय दफ्तरों में सात-आठ टेबल पर महज 1-2 कर्मचारी ही नजर आते हैं। सप्ताह में दो दिनों के अवकाश के बाद 5 दिनों के कार्यालयीन दिवस की वजह से लोगों का काम भी समय पर नहीं हो रहा है। इसके कारण सोमवार को दफ्तरों में फरियादियों की भीड़ नजर आती है। यही नहीं, अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी के दिन भी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं।

जगदलपुर के दफ्तर में ऐसा दिखा नजारा

जगदलपुर के सरकारी दफ्तर शुक्रवार दोपहर को भोजन अवकाश के बाद ही खाली हो गए। कुर्सियां खाली नजर आई और कार्यालय में एक भी अफसर दिखाई नहीं दिया। ऐसे में कार्यालय के चक्कर लगा रहे लोगों को काफी दिक्कतें हुई। इनकी समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं

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