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पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जाने के दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। अब तक विभिन्न चरणों में हुई काउंसिलिंग में चार पॉलिटेक्निक कॉलेज ऐसे रहे हैं, जहां दाखिले शून्य रहे हैं। 

रायपुर। प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों की विशेष रूप से अच्छी नहीं है। बीते कई सालों से 50 फीसदी से भी कम सीटों पर छात्रों ने दाखिले रहे हैं। बीते सत्रों में कई महाविद्यालय ऐसे भी रहे हैं, जहां प्रवेश संख्या दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंच सकी है। इस बार स्थिति पिछले सालों से भी अधिक खराब है। ना सिर्फ महाविद्यालय बल्कि विश्वविद्यालय में भी इस बार दहाई अंक तक संख्या नहीं पहुंच सकी। आंजनेय विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की 728 सीटें हैं।

8 सितंबर को तकनीकी शिक्षा संचालनालय द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, इसमें सिर्फ एक ही छात्र ने प्रवेश लिया है। एकमात्र दाखिला इस ब्रांच में हुआ है, वह कंप्यूटर साइंस है। वहीं इस सूची में एक अन्य विवि भी है, जहां एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। दुर्ग स्थित भारती विवि के अंतर्गत फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 1,272 सीटें हैं। इनमें एक भी प्रवेश नहीं हुए हैं। कई अन्य संस्थान भी इस सूची में शामिल हैं, जहां पर्याप्त प्रचार-प्रसार के बाद भी सीटें नहीं भर सकी हैं।

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3 पॉलिटेक्निक कॉलेज में शून्य दाखिले

बड़ी संख्या में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जाने के दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। अब तक विभिन्न चरणों में हुई काउंसिलिंग में चार पॉलिटेक्निक कॉलेज ऐसे रहे हैं, जहां दाखिले शून्य रहे हैं। इनमें शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बागीचा, मरवाही और पथरिया शामिल है। इसके अलावा अन्य पॉलिटेक्निक कॉलेज में भी स्थिति विशेष अच्छी नहीं रही है। शासकीय कन्या पॉलिटेक्निक महाविद्यालय जगदलपुर में 204 में से 53 सीटें भर सकी हैं। इसके अलावा चिरमिरी के पॉलिटेक्निक कॉलेज में 60 में से 22 सीटें भरी हैं। खानथम्हरिया पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की 60 में से 4 सीटें ही भरी हैं। रायपुर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की 208 में से 137 सीटें भरी हैं।

शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में 90 प्रतिशत दाखिले

प्रदेश में तीन शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय हैं। सबसे पहले यहां की सीटें भरती हैं। इस बार भी इन तीन महाविद्यालयों को ही छात्रों ने प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर में 322 सीटों में से 290 पर प्रवेश हो चुके हैं। बिलासपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 317 में से 271 सीटें भर गई हैं। 

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