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बेमेतरा जिले के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर में असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए विद्यार्थियों  रैली निकाली हैं।  लोगों को जागरूकता का सन्देश दिया हैं।  

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर में असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए ये भारत सरकार द्वारा उल्लास कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसके तहत 15 वर्ष के अधिक आयु के ऐसे व्यक्ति जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पाए हैं उन्हें बुनियादी शिक्षा प्रदान कर साक्षर बनाया जा रहा हैं। 

 शिक्षकों और विद्यार्थियों ने जागरूक रैली निकाली 

वित्तिय वर्ष 2022-27 के लिए आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का लक्षय 1.00 शिक्षार्थियों की दर से प्रति वर्ष पाँच करोड़ शिक्षार्थियों का हैं। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए गणमान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने रैली के माध्यम से इस कार्यक्रम की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई गई। नवभारत साक्षरता उल्लास कार्यक्रम से संबंधित स्लोगन और नारों के साथ रैली शाला प्रांगण से प्रारंभ होकर जैन मेडिकल व राम मंदिर होते हुए गांधी चौक देवकर पहुंची वहां उपस्थित नागरिकों को इस कार्यक्रम के विषय और उनके उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई। 

शिक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी

प्रधान पाठिका गिरिजा पटेल ने कहा कि, आज का युग एक शैक्षिक युग हैं। हर किसी की साक्षरता उनके जीवन के लिये महत्वपूर्ण हैं। जिस प्रकार जीवन के लिए रोटी कपड़ा और मकान जरूरी हैं। ठीक इसी प्रकार शिक्षा भी हमारे लिए अत्यंत जरूरी हैं। शिक्षा न केवल हमें सफल होने के लिए एक मंच प्रदान करता हैं बल्कि सामाजिक आचरण, शक्ति, चरित्र, और आत्म सम्मान भी देती हैं इस कार्यक्रम में वीणा रावटे, श्वेता वर्मा, आशुतोष चौबे और शाला परिवार के सदस्य शामिल थे । 

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