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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महतारी वंदन योजना का लाभा पाने के लिए एक पुरुष ने भी दावा किया है। अपने दावे के पीछे वह सालिड तर्क भी दे रहा है।

आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आते ही चारों ओर महतारी वंदन योजना की चर्चा चल रही है। पद्रेश में 72 लाख से भी अधिक महिलाओं ने इस योजना का लाभ पाने के लिए फार्म भरा है। लेकिन पेंड्रा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक पुरुष ने भी योजना के लिए फार्म भरकर खुद को योजना के लिए पात्र बताया है।

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की गई है। यह योजना सिर्फ महिलाओं के लिए है, लेकिन इस योजना के लिए एक आवेदन ऐसा आया जो कि किसी महतारी का नहीं बल्कि पुरूष का है। दरअसल पास के एक गांव के रहने वाले कमल सिंह कंवर ने महतारी वंदन योजना के लिये आवेदन जब दिया तो पहले तो लोगों ने समझाया कि, ये आवेदन नहीं लिया जा सकता। पर कमल सिंह की जिद के आगे स्थानीय कर्मचारियों को आवेदन लेना पड़ा। कमल सिंह का दावा था कि, उसके घर में कोई महिला नहीं है और परिवार का राशन कार्ड भी महिला के नहीं होने के कारण मुखिया के रूप में उसके नाम पर ही राशन कार्ड भी है, तो ऐसे में महतारी वंदन योजना का लाभ उसको मिलना चाहिये। 

जब राशन कार्ड मेरे नाम पर तो महतारी वंदन क्यों नहीं?

कमल सिंह का यह भी दावा है कि यदि घर में कोई महिला होती तो उसको इस योजना का लाभ मिलता ही। ऐसे में जब राशन कार्ड उसके नाम पर बन सकता है तो, इस योजना का लाभ अब उसको मिलना चाहिये। कमल सिंह के आवेदन को साफ्टवेयर ने ही नहीं लिया और अधिकारियों ने भी इस आवेदन को सिरे से खारिज कर दिया।

योजना सिर्फ 21 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए

अधिकारियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि योजना की नियम और शर्तों में केवल 21 साल से उपर की महिलाओं और युवतियों को इस योजना का पात्र माना गया है। किसी पुरूष को इसका लाभ नहीं मिल सकता है। ऐसे में कमल सिंह का फार्म रिजेक्ट कर दिया गया है। बता दें कि आदिवासी बाहुल्य गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कई स्थानों पर ऐसे ही कुछ और लोगों ने भी आवेदन किया था जिसको शिविर स्थल पर ही अस्वीकार कर दिया गया है।

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