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कुकरगांव जमचट्टापारा में आज तक लोग बिजली जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। इस गांव तक खंबे और तार तो पहुंचाए गए लेकिन बिजली नहीं पहुंची। 

जितेंद्र सोनी-जशपुर। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड अंतर्गत कुकरगांव जमचट्टापारा में आज तक लोग बिजली जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। इस गांव में बिजली विभाग ने लगभग 2 साल पहले बिजली पहुंचाने के लिए खंबे और तार लगाए थे, लेकिन उनमें बिजली पहुंचाने के लिए न तो ट्रांसफार्मर लगाए और न ही आज तलक बिजली पहुंचाई। ग्रामीण इस लापरवाही से बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोशित नजर आ रहे रहे हैं।

ग्रामीणों ने कहा कि, गांव में बिजली नहीं होने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते, महिलाएं भी घर के काम नहीं कर पाती हैं। वहीं बरसात के मौसम में जहरीले सांप और दंतैल हाथियों का खतरा भी लगातार बना हुआ है। इन सबसे परेशान ग्रामीण अंधेरे में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं। बिजली विभाग ने दो साल पहले ही गांव में बिजली के खंबे और तार लगा दिए लेकिन आजतक बिजली नहीं पहुंचाई। इससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं। 

जमचट्टापारा जैसे गांव सरकार के खोखले दावों की खोल रहे पोल 

एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गांव-गांव तक हर घर में बिजली पहुंचाने की बात कहते हैं, वहीं जमचट्टापारा जैसे गांव उनके इस दावे की पोल खोल रहे हैं। न जाने कितने ही ऐसे गांव और हैं जो आज बिजली विभाग की लापरवाही के चलते मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बहरहाल बिजली  विभाग के अधिकारी अब तक ठेकेदार को सामग्री का अभाव बताकर दो सालों से काम रुके होने का हवाला दे रहे हैं। वहीं अब कंडक्टर उपलब्ध कर और ट्रांसफार्मर लगाते हुए गांव तक बिजली पहुंचाने की बात कह रहे हैं। 

बिजली कंडक्टर और सामान नहीं होने के कारण रुका हुआ था काम- सहायक यंत्री

सीएसपीडीसिएल पत्थलगांव डिविजन के सहायक यंत्री नन्दलाल भारद्वाज ने बताया कि, दो साल पहले कुकरगांव के जमचट्टापारा में बिजली पोल पहुंचाया गया था। ठेकेदार के पास बिजली कंडक्टर नहीं होने के कारण दो सालों से काम रुका हुआ था। वर्तमान समय में कंडक्टर उपलब्ध करा कर बिजली गांव तक पहुंचा दी गई है और ट्रांसफार्मर भी उपलब्ध करा दिया गया है।

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