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रायपुर की मंडी में ही इसकी कीमत थोक में 9 से 10 रुपए थी। चिल्हर में इसकी कीमत 30 रुपए किलो रही। किसानों को इतनी कम कीमत के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।

रायपुर। लहसुन की नई फसल आ चुकी है। पिछले हफ्ते तक थोक में 340 रुपए में बिक रहे लहसून की कीमत अभी 170 से 240 रुपए तक उतर आई है, पर चिल्हर में खेल अब तक जारी न है। चिल्हर में अभी भी यह रिकार्ड 400 रुपए किलो बिक रहा है। वैसे, इस बार कीमत ज्यादा होने  सरोकार का कारण उत्पादन में कमी को बताया जा रहा है। किसानों ने दो साल पहले घाटा उठाने के बाद लगातार उत्पादन कम किया है। 

दो साल पहले 2022 में जब नए साल में लहसुन का फसल आई थी, तब इसकी कीमत देश की मंडियों में महज पांच रुपए थी। रायपुर की मंडी में ही इसकी कीमत थोक में 9 से 10 रुपए थी। चिल्हर में इसकी कीमत 30 रुपए किलो रही। किसानों को इतनी कम कीमत के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। ऐसे में किसानों से भी ठान लिया कि अब घाटे का सौदा मंजूर नहीं होगा और मप्र और राजस्थान के हजारों किसानों ने लहसुन की खेती से तौबा कर ली। ऐसे में लहुसन का उत्पादन पिछले दो साल से कम होने के कारण पिछले साल से इसकी कीमत आसमान पर जा रही है।

रकबा हुआ कम

जानकारों के मुताबिक साल 2021-22 में देश भर में 4,31,000 हेक्टेयर में लहसुन की खेती हुई थी, जो 2022-23 में घटकर मात्र 3,86,000 हेक्टेयर हो गई, यानी एक ही साल में रकबा 45,000 हेक्टेयर घट गया। रकबा कम होने के कारण उत्पादन भी प्रभावित हुआ। 2021-22 के दौरान देश भर में 35,23,000 मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ था, जबकि 2022-23 में यह घटकर 32,33,000 मीट्रिक टन ही रह गया है।

पहली बार नई फसल में इतनी कीमत

थोक आलू-प्याज व्यापारी संघ भनपुरी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि,पहली बार नई फसल आने के बाद कीमत तीन सौ रुपए से पार रही, लेकिन अब कीमत थोक में 170 से 240 रुपए हो गई है। आने वाले समय में कीमत में और कमी आने की संभावना है। 

बीते साल तीन सौ के पार गई कीमत

राजधानी के कारोबारियों के मुताबिक पिछले साल नई फसल आने के समय थोक में कीमत 60 से 70 रुपए और चिल्हर में सौ रुपए किलो थी, लेकिन फसल कम होने के कारण जब सप्लाई कम होने लगी तो कीमत धीरे-धीरे बढ़ने लगी और एक समय ऐसा आया, जब कीमत बढ़ते-बढ़ते थोक में ही दीपावली के बाद 250 रुपए के पार और चिल्हर में कीमत तीन के पार हो गई। कारोबारियों को इस बात की उम्मीद थी कि नई फसल आने पर कीमत कम हो जाएगी, लेकिन नई फसल आने के बाद कीमत कम न होकर ज्यादा हो गई। रायपुर में नई फसल आने के बाद कीमत थोक में 340 रुपए हो गई। ऐसे में चिल्हर में कीमत चार सौ रुपए हो गई है।

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