रायपुर- लोगों को और आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के नुकसान से बचाने के लिए 3 और 4 जुलाई को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इन दो दिनों के कार्यक्रम में रेल्वे, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, आबकारी विभाग, श्रम विभाग और परिवहन विभाग के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के आदेश के मुताबिक, प्रमुख विभागों के राज्य और जिला स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
तम्बाकू उपभोक्ता और उत्पादन में भारत का दूसरा नंबर
ऑकड़ों की बात करें तो भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उपभोक्ता और उत्पादन है। ऐसे में तम्बाकू का सेवन एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता और चुनौती है। GATS-2, 2016-17 में बताया गया कि, राज्य की कुल 39.1 प्रतिशत वयस्कों की आबादी ने किसी न किसी रुप में तम्बाकू का उपयोग किया जाता है। वहीं छत्तीसगढ़ में कार्यस्थल पर सेकेंड हैंड धुएं का एक्सपोजर 21.3% है।
प्रावधानों को लागू करने का प्रयास
NTCP और COTPA 2003 के प्रावधानों को लागू करने की कोशिश की गई है। लेकिन राज्य के सभी जिलों में तंबाकू नियंत्रण के लिए COTPA 2003 समेत बाकी तंबाकू नियंत्रण की नीतियों की होना जरूरी है।
तम्बाकू से बचने के लिए क्या किया जाएगा
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जरिए कुछ कानूनों पर मंथन करने की कोशिश की जाएगी। तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने का प्रयास किया जाएगा। पंचायत और ग्रामीण विकास के लिए धूम्रपान मुक्त करने के प्रयास शुरू हो चुका है।