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AAP 10 Controversies: आम आदमी पार्टी पर एक के बाद एक लगातार आरोपों से घिरती चली जा रही है। जितनी तेजी AAP ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया था उससे ज्यादा तेजी से यह विवादों में घिरती गई है। पार्टी की विवादों से एक लंबा इतिहास रहा है।  

AAP 10 Controversies: दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को दूसरे दिन (17 मई) भी सुनवाई हुई। इस दौरान ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी को शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी बनाया गया है। आम आदमी पार्टी देश की पहली ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसे घोटाले में आरोपी बनाया गया है।

देश में टिपिकल पॉलिटिक्स से अलग राजनीति को बढ़ावा देने वाली 2011 में अन्ना आंदोलन में आम आदमी पार्टी का उदय हुआ था। AAP ने साढ़े 11 साल में दो राज्यों यानी दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाई तो वहीं गुजरात और गोवा में भी पार्टी के विधायक चुने गए। बहुत ही कम समय में आम आदमी पार्टी ने नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल कर लिया। जितनी तेजी से पार्टी ने आगे बढ़ी, उतनी ही तेजी से वह विवादों में घिरती भी चली गई। इस आर्टिकल में समझेंगे की आम आदमी पार्टी के वो 10 कांड कौन से हैं जिससे पार्टी की काफी किरकिरी हुई।

जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए उसी से गठबंधन

अन्ना हजारे के साथ आंदोलन करने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया। ये तारीख थी 26 नवंबर, 2013, यानी कि अन्ना आंदोलन के 2 साल बाद। इसके बाद 2013 में ही आम आदमी पार्टी ने अपना पहला चुनाव भी लड़ा था। उस समय राजनीति का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन बिजली बिल का ज्यादा आना, पानी टैंकर माफिया जैसे मुद्दों के सहारे दिल्ली में सक्रिय होने की कवायद दिखी। जब नतीजे आए दिल्ली में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी आम आदमी पार्टी रही।

जिस कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन चलाकर आम आदमी पार्टी का गठन किया गया उसी कांग्रेस का बाहर से मिले समर्थन के सहारे पहली बार में ही सरकार भी बना डाली। लेकिन केजरीवाल की कार्यशैली से कांग्रेस में भी असमंजस की स्थिति रही और 49 दिनों में ही सरकार गिर गई। खास बात है कि जिस पार्टी पर AAP ने आरोप लगाए उसी से गठबंधन कर पहली बार सत्ता बनाई।

भ्रष्टाचार के आरोपों से ज्यादा दिन तक बच नहीं पाई पार्टी

इसके बाद 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव ने आम आदमी पार्टी की वो कसर दूर कर दी। जिसमें पूर्ण रूप से अरविंद केजरीवाल का उदय हुआ और आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीत लीं। 2015 के बाद से ही दिल्ली में केजरीवाल मॉडल की शुरुआत हुई और शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ गुड गवर्नेंस पर जोर दिया गया। पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद सीएम केजरीवाल ने पहली बार तो विवादों से बचे रहे, लेकिन दूसरे विधानसभा चुनाव में जब पार्टी को फिर से सरकार बनाई उसके बाद से विवादों में घिरती चली गई।

सीएम शीश महल घोटाले का लगा आरोप 

सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के रेनोवेशन कराने में भ्रष्टाचार का आरोप लगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगले के मरम्मत में 45 करोड़ रुपये खर्च हुए। यह रकम कोरोना काल के दौरान खर्च की गई। सिविल लाइंस स्थित सीएम बंगले के रेनोवेशन/सौंदर्यीकरण पर 44 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च हुए। इसमें आरोप लगे की इसमें घोटाला किया गया। इसके साथ ही सवाल यह भी उठे की जिस पार्टी के नेता खुद को आम आदमी बताते हैं उनके बंगले में 45 करोड़ का खर्च हुआ।

दिल्ली का शराब घोटाला

कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं, जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगा। जिसके बाद मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और खुद सीएम अरविंद केजरीवाल जेल गए। इस घोटाले की फेहरिस्त काफी लंबी है।  

जल बोर्ड घोटाला का आरोप 

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे।

दवाई घोटाला का आरोप

आम आदमी पार्टी राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही थी लेकिन इसमें भी 300 करोड़ के दवाई घोटाले का जिक्र शुरू हो गया। आरोप लगा कि दिल्ली सरकार ने जो दवाइयां खरीदी हैं, उनमें कई तरह की अनियमितता देखने को मिली हैं। इस मामले में एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई को जांच करने के आदेश दे दिए।

आरोप है कि केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अवांछित दवाओं की खरीद में 300 करोड़ रुपये का घोटाला किया और उसमें पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी शामिल रहे। वैसे यहां ये समझना जरूरी है कि इस मामले की जांच साल 2017 में शुरू हुई थी।

1300 करोड़ का क्लासरूम घोटाले आरोप

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर भी खूब दावे किए। लेकिन कुछ समय बाद इसमें घोटाले का आरोप लग गए। विजिलेंस डिपार्टमेंट (DoV) ने राजधानी के स्कूलों में बड़े घोटाले का दावा किया। विभाग का कहना था कि 193 सरकारी स्कूलों में 2,405 क्लास रूम बनाने के दौरान केजरीवाल सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया।

दरअसल, पूर्ण बहुमत पाकर दिल्ली की सत्ता में आने के बाद अप्रैल 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने PWD को दिल्ली के 193 सरकारी स्कूलों में 2405 एक्स्ट्रा क्लासरूम बनाने का निर्देश दिया था। विजिलेंस ने क्लासरूम बनाने की जरूरत का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया और इसके आधार पर 194 स्कूलों में 7180 इक्विलेंट क्लासरूम (ECR) बनाए जाने का अनुमान लगाया। जो 2405 क्लासेस के मुकाबले तीन गुना था। इसमें दिल्ली सरकार पर घोटाले का आरोप है।

स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट

नया विवाद अब AAP सांसद स्वाति मालीवाल का है। मालीवाल ने आरोप लगाया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास उनके साथ 13 मई को बदसलूकी की गई। सीएम के पीएम बिभव कुमार ने मालीवाल के साथ मारपीट की। मामले के 3 दिन बाद यानी 16 मई को दिल्ली पुलिस की एक टीम स्वाति के घर पहुंची और उनका बयान दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने 354 ( छेड़छाड़), 323 (मारपीट), 506 (जान से मारने की धमकी) 509 (अभद्र कमेंट करने) के तहत मामला दर्ज किया है। अब इसको लेकर भी आम आदमी पार्टी काफी चर्चा में है।    

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