दिल्ली की सियासत एलजी विनय सक्सेना और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही जंग में उलझ रही है। यही कारण है कि पूर्व सिविल डिफेंस वाॅलंटियर (बस मार्शल) को नौकरी से निकाले जाने पर आम आदमी पार्टी ने फिर से एलजी विनय सक्सेना और भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। आप की मंत्री आतिशी ने आज दिल्ली विधानसभा सत्र में यही मुद्दा उठाया है। इस मुद्दे की तह में जाने से पहले बताते हैं कि आतिशी ने आखिरकार विधानसभा में कहा कहा...
आप मंत्री आतिशी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि बसों में गुंदागर्दी, अश्लीलता से महिलाओं और बच्चों की रक्षा करने वाले सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स आज कुछ लोगों की गंदी राजनीति के कारण सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि इन वाॅलंटियर्स को पिछले साल केजरीवाल सरकार ने नियुक्त किया। इनका वेतन रिलीज करने वाले अधिकारी बीजेपी के दबाव में आकर उन्हें अवैध करार देने को बाध्य हो चुके हैं। सरकार सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स की आवाज उठा रहे हैं, लेकिन वो हमारे मंत्रियों की भी बात नहीं सुन रहे बल्कि उन्हें नौकरी से हटाने और विजिलेंस इंक्वायरी करवाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि आप केजरीवाल जी से भले ही नफरत करो, लेकिन दिल्ली की महिलाओं से और दिल्ली बस के मार्शलों से क्या नफरत है। उन्होंने कहा कि चाहे जो भी हो, आम आदमी पार्टी उनके हक की लड़ाई लड़ती रहेगी। नीचे देखिये उनका पूरा वीडियो....
जिन सिविल डिफ़ेंस वालंटियर ने मार्शलों के रूप में, बसों में गुंडागर्दी और अश्लीलता से महिलाओं और बच्चों की रक्षा की है; कुछ लोगों की गंदी राजनीति के कारण आज वो सड़कों पर है।
— Atishi (@AtishiAAP) February 28, 2024
पिछले कई साल से केजरीवाल सरकार के आदेश पर इन्हें नियुक्त करने वाले, इनका वेतन रिलीज़ करने वाले अधिकारी,… pic.twitter.com/MGNCqBubUF
एलजी ने पहले ही कर दिया था इस पर रूख स्पष्ट
दिल्ली में पूर्व सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स की सेवाएं 1 नवंबर 2023 को समाप्त कर दी गई थी। करीब 10 हजार सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स की नौकरी जाने से आम आदमी पार्टी ने इसके लिए एलजी को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, एलजी ने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा था कि उन्होंने इन वाॅलंटियर्स की सेवाएं समाप्त नहीं की बल्कि इन वाॅलंटियर्स की सेवाएं समाप्त करने वाले सीएम केजरीवाल के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उन्होंने इन वाॅलंटियर्स की 6-7 महीने से वेतन न मिलने पर भी चिंता जाहिर की थी। कहा था कि इससे जुड़ी फाइल मुझे भेजना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री/मंत्री स्वयं ही इस पर फैसला लेने में सक्षम हैं। उन्होंने फाइल पर यह भी लिखा था कि किसी की सरकार का यह महत्वपूर्ण एजेंडा होता है कि सेवाएं देने वालों को वेतन मिले। इस पर विवाद नहीं होना चाहिए।
एलजी ने आगे कहा था कि सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स साधारण परिवार से आते हैं, लिहाजा उनके रोजगार के अवसर तलाशे जाने चाहिए। यही नहीं, एलजी ने आप के उन आरोपों का भी जवाब दिया था, जिसमें कहा था कि वे सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स हटाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट लेकर आएंगे। एलजी ने कहा कि उन्होंने केवल सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, अगर वे चाहे तो अपने सीएम के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं।
'आप' धमकी देकर भी कोर्ट नहीं गई
वहीं पूर्व सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स की मानें तो उनकी नौकरी जाने के बाद से किसी ने भी उन पर ध्यान नहीं दिया। यही कारण रहा कि उन्हें मजबूरी में सड़कों पर उतरना पड़ा। 30 जनवरी को भी उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वो उपराज्यपाल आवास पर भी प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन वीआईपी गतिविधियों के चलते वहां जाने की अनुमति नहीं मिली। पूर्व सिविल डिफेंस वाॅलंटियर्स का कहना है कि हमारे साथ आम आदमी पार्टी और एलजी, दोनों ने हमारे साथ धोखा किया है। उनकी मांग है कि हमारी समस्याओं पर ध्यान दें ताकि अपनी गृहस्थी को चला सकें। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने आज सुबह भी एलजी पर बड़ा आरोप लगाया था। कहा था कि एलजी ने दिल्ली की सोलर पॉलिसी पर रोक लगा दी है। यहां क्लिक करके पढ़ें विस्तृत खबर...