Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सोमवार को विधानसभा में एक बार फिर केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जल बोर्ड के गलत बिलों को माफ करने के लिए एक स्कीम लाना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अफसर इसे मंजूरी नहीं दे रहे हैं। वहीं, आप ने पानी के बढ़े हुए बिलों की समस्या को लेकर बड़ा आंदोलन करने का भी ऐलान किया है।
सारा क्रेडिट बीजेपी को दे देंगे- केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि सरकार की पॉलिसी लागू नहीं हो रही है इसलिए आज चर्चा हो रही है। सत्ता पक्ष कह रहा है कि बिल ठीक होने चाहिए विपक्षी कह रहे हैं कि नहीं होना चाहिए। उन्होंने बीजेपी से अपील करते हुए कहा कि वे एलजी से कहकर स्कीम को पास करा दें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी इसे पास करा देती, तो वह उसे क्रेडिट देंगे और लाल किले पर खड़े होकर कह देंगे कि वोट भाजपा को दीजिए।
बड़ा आंदोलन करने का किया ऐलान
इससे पहले दिल्ली में पानी के बढ़े हुए बिलों के एकमुश्त निदान के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा लायी गई 'वन टाइम सेटलमेंट' स्कीम पर अधिकारियों द्वारा रोक लगा देने के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को एक बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया। आप के राज्यसभा सांसद और संगठन महामंत्री डॉ. संदीप पाठक ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा था कि दिल्ली में बढ़े हुए पानी के बिलों से दिल्लीवासियों को निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने 'वन टाइम सेटलमेंट' स्कीम का ऐलान किया, लेकिन भाजपा दबाव के चलते दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने इस स्कीम को लागू करने से इनकार कर दिया है। भाजपा और केंद्र सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने पूरी दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है।
सिविक सेंटर में बुलाई थी अहम बैठक
इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने रविवार को सिविक सेंटर में एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री, विधायक, पार्षद और पदाधिकारी शामिल हुए। संदीप पाठक ने बैठक में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा सरकार डरी हुई है। हम जो भी अच्छा काम करने के लिए जाते हैं भाजपा उसपर रोक लगा देती है। जिस तरीके से इस स्कीम पर भाजपा ने अफसरशाही के द्वारा रोक लगाई है उसको लेकर हम दिल्ली की जनता के बीच जाएंगे। हम इसको लेकर पूरी दिल्ली में आंदोलन करेंगे। हम किसी भी हालत में दिल्ली की जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। हम दिल्ली के लोगों के लिए काम करते रहेंगे। भले से उसके लिए हमें सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे।