Delhi News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू इकाई ने विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में किया गया। इस दौरान ABVP की तरफ से बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठनों के पुतले भी दहन किए गए। इस प्रदर्शन के दौरान ABVP के कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाई।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देना पड़ा त्यागपत्र
दरअसल, इस साल बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को बढ़ते हिंसक आंदोलन के कारण त्यागपत्र देना पड़ा। इसके बाद वहां पर मुहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नई सरकार के आने के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का दौर शुरू हो गया। इस दौरान हिंदुओं की हत्या, मंदिरों को तोड़ना आदि कई तरह के मामले सामने आने लगे।
ABVP कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
इस मामले को लेकर ABVP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करके बांग्लादेश में विशेषकर चिट्टागोंग के क्षेत्र में हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने को लेकर छात्रों को जागरुक किया। उन्होंने बांग्लादेश सरकार और पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग इस्लामिक कट्टरपंथियों को सजा देने की बजाय शांति से विरोध करने वाले हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं।
हिंदुओं और धार्मिक स्थानों को दें सुरक्षा
इस मामले में एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वरकांत दूबे का कहना है कि वे बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं के खिलाफ संगठित हिंसा की निंदा कर रहे हैं। इस हिंसा के दौरान बांग्लादेश सरकार का दायित्व बनता है कि वो हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थानों को सुरक्षा दें और इस तरह की हरकत करने वालों पर कार्रवाई करें।
अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रहे कट्टरपंथी
वहीं इस मामले में ABVP जेएनयू की इकाई की मंत्री शिखा स्वराज का कहना है कि बांग्लादेश और भारत के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं। बीते कुछ महीनों से वहां के हालात कट्टरपंथी मानसिकता को दिखा रहे हैं और अल्पसंख्यक समुदाय उनका निशाना बन रहे हैं। ये असहनीय है और उन्होंने बांग्लादेश की सरकार से मांग की कि वो जल्द से जल्द सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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