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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस AAP विधायकों को कथित तौर पर 15-15 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोपों की जांच के सिलसिले में भेजा गया है। ACB ने केजरीवाल से पांच प्रमुख सवालों के जवाब मांगे हैं।

ACB Notice to Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने रिश्वत की पेशकश के आरोपों पर जांच के लिए नोटिस भेजा है। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनकी पार्टी के विधायकों को 15-15 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और मंत्री पद का लालच देने की पेशकश की थी। इस पर उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना ने जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद ACB की टीम केजरीवाल के घर पूछताछ करने पहुंची।  

ACB ने अरविंद केजरीवाल से पूछे पांच बड़े सवाल

1. क्या सोशल मीडिया पोस्ट आपका है?

ACB ने अरविंद केजरीवाल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए पोस्ट की पुष्टि करने के लिए उनसे जवाब मांगा है।

2. किन 16 AAP विधायकों को रिश्वत की पेशकश की गई?

ACB ने उन 16 विधायकों के नामों की जानकारी मांगी है, जिन्हें कथित तौर पर बीजेपी की तरफ से रिश्वत देने की कोशिश की गई।  

3. रिश्वत देने वाले व्यक्तियों और फोन नंबरों की जानकारी दें

ACB ने यह भी पूछा है कि उन लोगों के नाम और संपर्क नंबर साझा किए जाएं, जिन्होंने AAP विधायकों को फोन कर रिश्वत की पेशकश की।  

4. आरोपों के समर्थन में सबूत दें

केजरीवाल और उनकी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर ACB ने सबूत मांगे हैं, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच की जा सके।  

5. मीडिया और सोशल मीडिया पर फैलाई गई जानकारी पर जवाब दें

ACB ने यह भी सवाल उठाया है कि यदि ये आरोप सही हैं, तो अब तक इसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई। साथ ही, उन्होंने इस मामले में सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में भी स्पष्टीकरण मांगा है।  

AAP का आरोप- बिना नोटिस के पहुंची ACB की टीम

AAP ने ACB पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के वकील ने कहा कि ACB की टीम बिना किसी पूर्व सूचना और आधिकारिक नोटिस के अचानक अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंच गई। जब AAP के वकील ने नोटिस की मांग की, तो ACB अधिकारियों को डेढ़ घंटे का समय लगा इसे देने में। AAP का आरोप है कि ACB के अधिकारियों के पास कोई आधिकारिक आदेश नहीं था। उनके पास न तो कोई स्टांप लगा नोटिस था, न ही तलाशी या पूछताछ का कोई लिखित आदेश।  

AAP का पलटवार- जांच एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग

AAP के वकील ने कहा कि ACB द्वारा दिए गए नोटिस में शिकायतकर्ता का कोई जिक्र नहीं है। इसमें केवल केजरीवाल के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र है। बिना आधिकारिक दस्तावेज के किसी के घर पर पूछताछ के लिए पहुंचना गैरकानूनी है। बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वकील ने आगे कहा कि जब AAP नेताओं ने ACB अधिकारियों से पूछा कि वे किस आधार पर पूछताछ करने आए हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। AAP का दावा है कि ACB के अधिकारी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं और उन्होंने जांच एजेंसियों को मजाक बना दिया है।  

केजरीवाल का चुनाव आयोग पर हमला

इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग (EC) पर भी निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि चुनाव आयोग ने फॉर्म 17C और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बूथवार मतदान संख्या अपलोड करने से इनकार कर दिया है, जबकि हमने कई बार अनुरोध किया। पारदर्शिता के लिए यह जरूरी था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग इसे करने से इनकार कर रहा है।

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राजनीतिक सरगर्मी तेज, क्या होगा अगला कदम?

इस पूरे घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। बीजेपी का कहना है कि AAP भ्रष्टाचार में लिप्त है और जांच से बचने की कोशिश कर रही है। AAP का दावा है कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है। अब देखना होगा कि केजरीवाल ACB के सवालों का जवाब देते हैं या नहीं। साथ ही, क्या इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ती है या यह केवल राजनीतिक खींचतान बनकर रह जाती है?

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