Logo
Delhi AIIMS: एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और परिवार के सदस्यों के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नजदीक विश्राम सदन की व्यवस्था की है।

Delhi AIIMS: राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पांच कमरे बनाए गए हैं, जिनमें 1500 मरीजों के रुकने की व्यवस्था है। यहां आने वाले मरीजों को बेड की सही सूचना नहीं मिलने के कारण 50 फीसदी से ज्यादा बिस्तर खाली रहते हैं। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास का कहना है कि अब मरीजों की सुविधा के लिए कई स्थानों पर डैशबोर्ड लगाए जाएंगे ताकि मरीजों को खाली बिस्तरों के बारे में जानकारी मिल सके। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो एम्स के अस्पताल अंडरपास और खुले में रह रहे कुछ मरीज ऐसे हैं, जिन्हें डॉक्टर को दिखाने के लिए बाद में आना होता है। कई लोग वहां सामाजिक संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खाने की वजह से रहते हैं। 

डैशबोर्ड लगाकर मरीजों को जानकारी दी जाएगी

दरअसल, यहां रहने वाले कुछ मरीज ऐसे हैं, जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि एम्स अस्पताल में ठहरने के लिए बिस्तर कैसे प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए अब यहां डैशबोर्ड लगाकर विश्राम सदन के बारे में मरीजों को जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही बेघर मरीजों को विश्राम सदन के बारे में बताया जाएगा। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं। 

ये भी पढ़ें:- Delhi AIIMS को हाथ लगी सबसे बड़ी सफलता, दुनिया की सबसे छोटी मरीज की हुई सर्जरी, ब्रेन से निकाला ट्यूमर -

बेघर मरीजों को मिलेगी विश्राम सदन की सुविधा

दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने बताया कि इलाज करने वाले डॉक्टर या उनकी टीम के लिखने पर बेघर मरीजों को विश्राम सदन में रहने की सुविधा मिलेगी। अभी एम्स के पांच विश्राम सदन में 1500 बिस्तर हैं। इनमें से साईं सदन में 100 बिस्तर, आश्रय शेल्टर में 180, पावर ग्रिड विश्राम सदन में 281, इंफोसिस विश्राम सदन के अंदर 806 और राजग्रिया विश्राम सदन में 149 बिस्तर बेघर मरीजों के लिए मौजूद हैं। 

एम्स के डॉक्टरों के हाथ लगी बड़ी सफलता

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने पांच साल की एक बच्ची की ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी सफलतापूर्वक की है। ऑपरेशन के दौरान उसे होश में रखा गया था। अस्पताल की ओर से दावा किया गया है कि वह इस तरह की प्रक्रिया से गुजरने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की मरीज बन गई। 

5379487