इंडिया गेट का इतिहास: भारत की राजधानी नई दिल्ली में कई ऐसे ऐतिहासिक स्मारक हैं, जो देश की शान बढ़ाता है। साथ ही यह स्मारक देश के इतिहास को भी दर्शाता है। जिस तरह मुंबई में गेट वे ऑफ इंडिया देश की शान है, ठीक उसी प्रकार दिल्ली का इंडिया गेट भी देश की शान है। आज इस खबर में जानेंगे कि इंडिया गेट का निर्माण क्यों किया गया था। साथ ही इसके कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।
वैसे तो दिल्ली में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं, लेकिन राजपथ मार्ग पर मौजूद इंडिया गेट देश के इतिहास को दर्शाता है। इंडिया गेट को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के नाम से जाना जाता था। यहां पर शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इंडिया गेट के पास प्रत्येक साल गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर परेड भी निकाली जाती है। साथ ही भारत के तीनों सेनाओं के कमांडर अपने नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकी की भी परेड भी यहीं निकलते हैं। यहां देश के सभी राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अलग-अलग झांकियां भी निकाली जाती हैं।
जानें कब हुआ इंडिया गेट का निर्माण?
बता दें कि इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रथम विश्व युद्ध 1914-1918 और 1919 में तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए 80 हजार भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने लिए बनाया गया था। इंडिया गेट की आधारशिला 10 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी। इंडिया गेट का निर्माणकाल 10 वर्ष में पूरा हुआ। यानी 12 फरवरी 1931 को वायसराय लॉर्ड इरविन ने इंडिया गेट का उद्घाटन किया था।
इंडिया गेट के पास से गुजरती थी रेलवे लाइन
बताया जाता है कि आज जहां पर इंडिया गेट है, पहले वहां से रेलवे लाइन गुजरती थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, सन 1920 तक पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पूरे दिल्ली का एकमात्र स्टेशन था। आज जहां इंडिया गेट है, वहां पहले आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन गुजरती थी। बाद में इस रेलवे लाइन को यमुना नदी के पास लाया गया। यमुना नदी के पास आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन साल 1924 में शुरू कर दिया गया था। तब इंडिया गेट का स्मारक स्थल का निर्माण भी हो गया था।
जानें इंडिया गेट के बारे में रोचक तथ्य
1. बता दें कि इंडिया गेट का डिजाइन एडविन लुटियन ने किया था। एडविन लुटियन दिल्ली के एक मुख्य वास्तुकार थे। एडविन लुटियन को उस समय युद्ध स्मारक का एक प्रमुख डिजाइनर भी माना गया था। साल 1931 में इंडिया गेट का पूरी तरह से निर्माण हो गया था।
2. इंडिया गेट को बनवाने में मुख्य रूप से पीले और लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इन पत्थरों को राजस्थान के भरतपुर से लाया गया था।
3. इंडिया गेट भारत का राष्ट्रीय स्मारक है। इसलिए इसे विश्व के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में एक माना गया है। इंडिया गेट की ऊंचाई 13,779 फुट है।
4. साल 1971 में जब भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था उसमें वीरगति को प्राप्त होने वाले भारतीय शहीद सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई थी। बता दें कि यह अमर ज्योति दिन-रात जलती रहती है।
5. इंडिया गेट के पास स्थित अमर जवान ज्योति का उद्घाटन भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। इसका उद्घाटन 26 जनवरी 1976 में किया गया था।