Kejriwal launch Pujari Granthi Samman Yojana: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पुर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी चुनाव से पहले एक नई योजना की घोषणा कर राजनीति को नया मोड़ दिया है। इस योजना का नाम 'पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना' रखा गया है। इसके तहत दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथि को हर महीने 18,000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर, वक्फ बोर्ड की मस्जिदों में कार्यरत इमाम और मौलाना 17 महीने से वेतन न मिलने के कारण प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।
आज, 'पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना' की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने पुजारियों और ग्रंथियों के लिए इस तरह की आर्थिक सहायता योजना शुरू की है। पुजारी एक ऐसा वर्ग है, जिसने अपनी पीढ़ियों से हमारी धार्मिक परंपराओं को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कभी अपनी जरूरतों और परिवार की चिंता नहीं की। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ख्याल रखें।
#WATCH | Delhi: AAP National Convenor Arvind Kejriwal says "Today I am making an important announcement regarding a scheme. The name of the scheme is Pujari Granthi Samman Yojana. Under this, there is a provision to give an honorarium to the priests of temples and the 'granthis'… pic.twitter.com/Epty4TnLY7
— ANI (@ANI) December 30, 2024
इमामों का आरोप: 17 महीने से वेतन नहीं मिला
दिल्ली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के इमामों और मौलानाओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि पिछले 17 महीने से उनका वेतन लंबित है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कई बार सरकार से बातचीत की कोशिश की, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
Delhi: Maulanas in Delhi have not received their salaries for 17 months. Imams from Waqf Board mosques protested outside Arvind Kejriwal's house, demanding a meeting to resolve the issue. They vowed to sit on protest if their salaries aren't paid on time
— IANS (@ians_india) December 30, 2024
Maulana Gayyur ul Hasan… pic.twitter.com/N3Vj6OVF2m
मौलाना गय्यूर उल हसन कासमी ने कहा कि हमारा वेतन 17 महीने से बकाया है। हम कई बार यहां आ चुके हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। हमें फिर दो दिन बाद आने को कहा गया है। अगर वे हमारी समस्या नहीं सुलझाते, तो हम यहीं धरने पर बैठेंगे।
Watch: Maulanas in Delhi have not received their salaries for 17 months. Imams from Waqf Board mosques protested outside Arvind Kejriwal's house, demanding a meeting to resolve the issue. They vowed to sit on protest if their salaries aren't paid on time
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Mufti Mohammad Ibrahim… pic.twitter.com/fQjPn2mW7n
प्रदर्शन के लिए मजबूर इमाम
इमामों ने पिछले एक हफ्ते में तीन बार मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया। मौके पर मौजूद मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि हम तीन बार आए हैं। हमारी मांग है कि हमें वेतन दिया जाए। हम यहां मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल से मिलने आए हैं, ताकि अपनी समस्याओं को सामने रख सकें।
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Maulana Sajid Rashidi… pic.twitter.com/hDi3y3Tzsz
मौलाना साजिद राशिदी ने बताया कि जब हम गुरुवार को आए थे, तो हमें शनिवार शाम 5 बजे मिलने का समय दिया गया था। लेकिन शनिवार को भी हमारी मुलाकात नहीं हो सकी। अब यह तीसरी बार है जब हम आए हैं। अगर आज भी मुलाकात नहीं होती, तो हम यहां धरने पर बैठ जाएंगे।
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Delhi: Maulanas in Delhi have not received their salaries for 17 months. Imams from Waqf Board mosques protested outside Arvind Kejriwal's house, demanding a meeting to resolve the issue. They vowed to sit on protest if their salaries aren't paid on time
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Maulana Mufti Merajul… pic.twitter.com/8fx1NvUJOh
वक्फ बोर्ड में सीईओ और चेयरमैन का अभाव
इमामों ने वक्फ बोर्ड में प्रशासनिक समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त करते हुए मौलाना मुफ्ती मेराजुल कासमी ने कहा कि 17 महीने से वेतन लंबित है। अब 18 महीने बीत जाएंगे और उसके बाद चुनावी अधिसूचना जारी हो जाएगी। उस स्थिति में कुछ नहीं हो पाएगा। समस्या यह है कि वक्फ बोर्ड में कोई चेयरमैन या सीईओ नहीं है। सीईओ की अनुपस्थिति में फंड जारी होने के बाद भी काम ठप रहेगा क्योंकि हस्ताक्षर के बिना कोई कार्यवाही संभव नहीं है।
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