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केजरीवाल ने सभी से आग्रह किया कि इस बार पटाखों के बजाय दीये और मोमबत्तियां जलाएं। यहां हिंदू-मुस्लिम जैसी कोई बात नहीं है। सबकी सांसें जरूरी हैं से लेकर सफाई कर्मचारियों को 23 करोड़ का बोनस दिया।

Kejriwal on Diwali Firecracker Campaign: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिवाली के अवसर पर लोगों से अपील की है कि वे पटाखे न जलाएं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह मुद्दा धार्मिक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ा है। केजरीवाल ने कहा, "प्रदूषण के मद्देनजर, अदालतों का स्पष्ट निर्देश है कि हमें पटाखों के बजाय दीये और मोमबत्तियां जलानी चाहिए। यह लाइट्स का त्योहार है।" उन्होंने कहा कि पटाखे जलाने से केवल पर्यावरण को नुकसान नहीं होता, बल्कि हम अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने बच्चों का भी जोखिम बढ़ा रहे हैं।

यहां नहीं है कोई हिंदू-मुस्लिम का मामला: केजरीवाल

केजरीवाल ने स्पष्ट किया, "यहां हिंदू-मुस्लिम जैसा कोई मामला नहीं है। सबकी सांसें जरूरी हैं, सबकी जिंदगी जरूरी है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम सभी को एक साथ आकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले ही पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसके पालन के लिए 377 टीमें तैनात की गई हैं। दिल्ली में वायु गुणवत्ता भी गंभीर स्थिति में है, जहां 30 अक्तूबर को एक्यूआई 228 दर्ज किया गया था।

आप सरकार ने दिया सफाई कर्मचारियों को 23 करोड़ का बोनस 

इसी मौके पक केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों को 23 करोड़ रुपये का बोनस देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस महीने 7 नवंबर को कर्मचारियों को सैलरी मिलनी थी, लेकिन 64 हजार कर्मचारियों के खाते में सैलरी और बोनस पहले ही भेज दिया गया है। केजरीवाल ने कहा, "यह एमसीडी के इतिहास में पहली बार हुआ है कि सभी कर्मचारियों को समय पर बोनस मिला है। लोगों ने ईमानदार सरकार चुनी है, इसलिए ऐसा संभव हो सका।"

केंद्र सरकार पर आयुष्मान योजना में घोटाले का आरोप

इसके साथ ही, केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आयुष्मान योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "यह मैं नहीं, बल्कि CAG की रिपोर्ट कहती है कि आयुष्मान योजना में घोटाला हुआ है। योजना के तहत इलाज केवल तब होगा जब मरीज अस्पताल में भर्ती होगा, जबकि दिल्ली में भर्ती होने या ना होने की कोई शर्त नहीं है।"  उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली में दवाई, टेस्ट, इलाज सब कुछ मुफ्त है, इसलिए यहां आयुष्मान भारत योजना की जरूरत नहीं है। मोदी जी को दिल्ली की इस सफल योजना का अध्ययन करना चाहिए और इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए।"

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